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सिविल सर्जन की मौजूदगी में कम हुई माइक की आवाज़, अस्पताल में भाजपा का हंगामेदार प्रदर्शन

रांची के सदर अस्पताल में भाजपा का धरना प्रदर्शन राजनीतिक बहस का कारण बन गया। चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने की घटना के विरोध में भाजपा ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया।

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MANISH JHA
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रांची, वाईबीएन डेस्क : रांची के सदर अस्पताल परिसर में सोमवार को राजनीतिक सरगर्मी चरम पर रही। चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने की घटना को लेकर रांची महानगर भाजपा ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। स्वास्थ्य व्यवस्था में फैली अव्यवस्था और सरकार की चुप्पी के खिलाफ भाजपा ने अस्पताल के मुख्य द्वार के बाहर धरना दिया।

 अस्पताल के साइलेंस जोन में गूंजे नारे, सिविल सर्जन पहुंचे स्थल पर

सुबह से ही भाजपा कार्यकर्ता और नेता अस्पताल गेट पर इकट्ठा होने लगे। कुछ ही देर में “हेमंत सरकार मुर्दाबाद” और “भ्रष्टाचार खत्म करो” के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा। अस्पताल परिसर साइलेंस जोन घोषित है, जहां लाउडस्पीकर से बज रहे भाषणों ने मरीजों और परिजनों को परेशान कर दिया। मामला बढ़ता देख सिविल सर्जन मौके पर पहुंचे और तुरंत लाउडस्पीकर की आवाज़ कम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीजों की सुविधा सर्वोपरि है और नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 भाजपा बोली अनुमति लेकर किया प्रदर्शन, कांग्रेस ने उठाए सवाल

भाजपा महानगर अध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन से अनुमति लेकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है और जनता का जीवन खतरे में है। दूसरी ओर कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष राजनीति की आड़ में संवेदनशील अस्पताल क्षेत्र को मंच बना रही है। प्रदेश प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा कि भाजपा को सत्ता की राजनीति इतनी भा गई है कि मरीजों की तकलीफ भी अब उसे नजर नहीं आती। 

अस्पताल प्रशासन सख्त, अगली बार नहीं मिलेगी अनुमति

 अस्पताल प्रशासन ने प्रदर्शन को नियमों का उल्लंघन बताते हुए भाजपा को नोटिस भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। सिविल सर्जन ने कहा कि “साइलेंस जोन” में किसी भी तरह का राजनीतिक या शोरगुल वाला कार्यक्रम भविष्य में अनुमति योग्य नहीं होगा। धरना स्थल पर रांची विधायक सी.पी. सिंह, कई प्रदेश और जिला स्तरीय पदाधिकारी मौजूद रहे। पुलिस की मौजूदगी से स्थिति नियंत्रण में रही। चाईबासा की रक्त संक्रमण घटना ने जहां सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं, वहीं रांची का यह धरना राजनीति और मानवीय संवेदनशीलता के बीच की सीमाएं धुंधली कर गया।

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