/young-bharat-news/media/media_files/2025/10/11/1760154525233-2025-10-11-09-19-14.jpg)
रांची, वाईबीएन डेस्क : झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के घने सारंडा जंगल एक बार फिर धमाके से दहल उठे। शुक्रवार शाम नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए शक्तिशाली आईईडी ब्लास्ट किया, जिसमें सीआरपीएफ 60 बटालियन के हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र लश्कर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। शनिवार सुबह इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हुआ हमला
सूत्रों के अनुसार, सीआरपीएफ की टीम जराईकेला थाना क्षेत्र के समठा इलाके में नक्सल सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इसी दौरान नक्सलियों ने पहले से बिछाए गए आईईडी में विस्फोट कर दिया। विस्फोट इतना जोरदार था कि आसपास का इलाका थर्रा उठा और जवानों की एक टीम विस्फोट की चपेट में आ गई। मौके पर अफरातफरी मच गई और तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
तीन जवान घायल, एक की शहादत
ब्लास्ट में इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर रामचंद्र गोगई और हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र लश्कर गंभीर रूप से जख्मी हुए। सभी को पहले नजदीकी चिकित्सा केंद्र ले जाया गया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए राउरकेला के अपोलो अस्पताल रेफर किया गया। डॉक्टरों की टीम ने लगातार इलाज किया, लेकिन हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र लश्कर की हालत नाजुक बनी रही और अंततः उन्होंने वीरगति प्राप्त की।
इलाके में बढ़ी सतर्कता, सर्च अभियान तेज
घटना के बाद पूरे समठा क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। सीआरपीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम जंगल में गहन तलाशी अभियान चला रही है। सूत्रों का कहना है कि नक्सली इलाके में अपनी मौजूदगी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि सुरक्षा बलों में डर का माहौल बने।
सालभर में तीसरी बड़ी घटना
सारंडा का इलाका पिछले कुछ महीनों से लगातार नक्सली गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है। मार्च से अब तक यहां तीन जवान शहीद हो चुके हैं और नौ घायल हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आईईडी ब्लास्ट की ये घटनाएं नक्सलियों की हताशा को दर्शाती हैं, क्योंकि हाल के दिनों में पुलिस ने कई नक्सली कैडर को गिरफ्तार किया है।
शहादत को सलाम
शहीद हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र लश्कर को उनके साथियों और अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी। बल के अधिकारियों ने कहा कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और ऑपरेशन जारी रहेगा जब तक क्षेत्र पूरी तरह नक्सलमुक्त नहीं हो जाता।