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रांची वाईबीएन डेस्क : हजारीबाग जिले के चौपारण इलाके में एनएच-19 पर बने सिंघरावां फ्लाईओवर का हिस्सा अचानक धंस गया, जिससे स्थानीय लोगों में खलबली मच गई। यह फ्लाईओवर कौशल इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा निर्मित किया गया था। घटना ने न केवल आम जनता को डराया बल्कि निर्माण गुणवत्ता और प्रशासनिक निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि फ्लाईओवर में वर्षा के बाद से ही दरारें पड़नी शुरू हो गई थीं। ग्रामीणों ने कई बार विभाग और ठेकेदार को इस बाबत सूचित किया, लेकिन किसी भी तरह की मरम्मत या सुधार कार्य नहीं हुआ। अब अचानक फ्लाईओवर धंस जाने की घटना ने दुर्घटना की आशंका और बढ़ा दी है।
गुणवत्ता और सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि फ्लाईओवर निर्माण में गुणवत्ता की कमी रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषी ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि जब अभी तक का प्रोजेक्ट पूरी तरह टिक नहीं पाया, तो मौजूदा जीटी रोड चौड़ीकरण और मरम्मत कार्य की गुणवत्ता पर भी संदेह होना स्वाभाविक है। विशेषज्ञों का कहना है कि निर्माण कंपनियों की लापरवाही और प्रशासनिक निगरानी की कमी भविष्य में किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। यदि समय रहते मरम्मत और सुधार कार्य नहीं किया गया, तो यातायात और आम जनता के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
स्थानीय लोगों की चिंता
स्थानीय लोग डर और असमंजस की स्थिति में हैं। उनका कहना है कि यदि फ्लाईओवर का यह हिस्सा चलते-चलते ही धंस गया, तो भविष्य में भारी बारिश या ट्रैफिक के दबाव में और भी हिस्सों का ढहना संभव है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल निरीक्षण और सुधार की मांग की है।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
अभी तक संबंधित विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए जाने की संभावना है। जनप्रतिनिधियों और नागरिक संगठनों की मांग है कि दोषी ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।