/young-bharat-news/media/media_files/2025/11/26/1764123225436-2025-11-26-07-44-03.jpeg)
रामगढ़ रांची वाईबीएन डेस्क : झारखंड की जनआंदोलन परंपरा में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले शहीद सोबरन सोरेन का 68वां शहादत दिवस 27 नवंबर को गोला प्रखंड के बरलंगा स्थित लुकैयाटांड़ में आयोजित होगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, गांडेय विधायक कल्पना सोरेन समेत कई जनप्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है। हर साल की तरह इस बार भी हजारों लोग इस ऐतिहासिक स्थल पर पहुंचकर शहीद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। आयोजन स्थल पर बड़े पंडाल, पार्किंग और सुरक्षा प्रबंधों को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं।
प्रशासन ने लिया तैयारियों का विस्तृत जायजा
आगामी भीड़ और वीआईपी आगमन को देखते हुए रामगढ़ डीसी फैज अक अहमद मुमताज और एसपी अजय कुमार ने अपनी टीम के साथ प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने मंच निर्माण, जनसभा स्थल की साफ-सफाई, अतिथियों के बैठने की व्यवस्था, हेलीपैड की स्थिति, बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। जेएमएम जिला अध्यक्ष और स्थानीय प्रशासनिक पदाधिकारी भी इस निरीक्षण में मौजूद थे। सभी ने मिलकर कार्यक्रम स्थल के लेआउट की समीक्षा की और यह तय किया कि भीड़ को व्यवस्थित तरीके से संभालने के लिए अतिरिक्त वालंटियर और पुलिस बल की तैनाती जरूरी होगी।
सुरक्षा को लेकर विशेष तैयारी, एसपी ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए पुलिस प्रशासन सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क है। एसपी अजय कुमार ने कार्यक्रम स्थल, शहीद स्मारक परिसर, हेलीपैड और सीएम के संभावित मार्ग की विस्तार से जांच की। उन्होंने अलग-अलग श्रेणियों की पार्किंग व्यवस्था, यातायात डायवर्जन, स्वास्थ्य आपातकालीन व्यवस्था, मंच सुरक्षा और मुख्य प्रवेश द्वारों पर अतिरिक्त चेकिंग प्वाइंट स्थापित करने का आदेश दिया। एसपी ने पहाड़ी क्षेत्रों में विशेष निगरानी और ड्रोन कैमरे के उपयोग पर भी बल दिया, ताकि किसी भी स्थिति पर तुरंत नियंत्रण पाया जा सके।
कौन थे शहीद सोबरन सोरेन?
सोबरन सोरेन दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पिता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दादा थे। वे शिक्षक होने के साथ-साथ जमींदारी प्रथा, महाजनी अत्याचार और गांवों में शराबखोरी के खिलाफ मुखर रूप से आवाज उठाते थे। 27 नवंबर 1957 को जब वे अपने गांव नेमरा से गोला हाई स्कूल की ओर जा रहे थे, उसी दौरान लुकैयाटांड़ स्थित पहाड़ी क्षेत्र में महाजनों ने उनकी घेराबंदी कर हत्या कर दी। बताया जाता है कि उस समय शिबू सोरेन स्कूल हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे थे और सोबरन सोरेन उन्हें चावल पहुंचाने जा रहे थे। उनकी शहादत को झारखंड आंदोलन का एक अहम पड़ाव माना जाता है, और हर वर्ष इसी स्थान पर बड़े पैमाने पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाती है।
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us
/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/11/dXXHxMv9gnrpRAb9ouRk.jpg)