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रांची वाईबीएन डेस्क : भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश ने मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा का एनकाउंटर पूरी तरह फर्जी है और यह पत्थर माफिया दलालों-बिचौलियों के इशारे पर की गई पुलिस हत्या है।
एनकाउंटर पर सवाल
दीपक प्रकाश ने बताया कि उन्होंने 16 अगस्त को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में इस मामले की जांच के लिए आवेदन दिया था। आयोग की जांच टीम में सदस्य निरुपम चकमा, आशा लकड़ा सहित 6 अधिकारी शामिल हुए। जांच के बाद आयोग ने 12 सितंबर को गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की अनुशंसा की है। उन्होंने कहा कि आरोपी पुलिस अधिकारी जांच टीम के समक्ष उपस्थित नहीं हुए, मुठभेड़ स्थल पर जंगल न होने के बावजूद दो घंटे मुठभेड़ की कहानी गढ़ी गई। मीडिया को दूर रखा गया, सूर्या हांसदा को 24 घंटे से अधिक समय तक बिना वारंट पुलिस कस्टडी में रखा गया और उन्हें न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश नहीं किया गया। साथ ही घटना स्थल पर खून के धब्बे न होना और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विरोधाभास जैसे तथ्य पूरी घटना को संदिग्ध बनाते हैं।
सूर्या हांसदा का योगदान
दीपक प्रकाश ने कहा कि स्व. सूर्या हांसदा संथाल परगना में पत्थर माफिया का विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता थे। वे अनाथ, बेसहारा और गरीब बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, आवास और भोजन की व्यवस्था करते थे। उन पर कोई वारंट नहीं था और वे लगातार फर्जी मुकदमों से बरी हो रहे थे।
सीबीआई जांच की मांग
दीपक प्रकाश ने कहा कि सीआईडी जांच केवल लीपापोती होगी, क्योंकि जिन अधिकारियों पर हत्या का आरोप है, वही जांच करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले की अविलंब सीबीआई जांच कराने, आरोपी पुलिस अधिकारियों का स्थानांतरण करने और पीड़ित परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता प्रतुल शाह देव, प्रदीप सिन्हा और सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाइक भी मौजूद रहे।