शाहजहांपुर, वाईबीएन नेटवर्क।
मिठास का मक्का कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद में बिहार के 40 किसानों का दल पहुंचा है। किसान यहां पांच दिन तक रहकर गन्ना खेती के गुर सीखेंगे। गुरुवार को पहले दिन किसानों को शरद तथा बसंत कालीन गन्ना बोआई की जानकारी दी गई।
गन्ना शोध परिषद के कांफ्रेंस हॉल में प्रभारी डॉ अजय तिवारी ने दीप प्रज्जवलित कर प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने अगेती गन्ना किसानों की जानकारी देते हुए उनकी बोआई पर जोर दिया। वैज्ञानिक डॉ श्रीप्रकाश यादव ने सीओ 0238 गन्ना किस्म की बोआई न करने की सलाह दी। उन्होंने कोशा 13235 समेत अगेती किस्म की चार से पाँच फीट पर ट्रेंच विधि से बोआई पर जोर दिया। प्रसार अधिकारी डॉ संजीव पाठक ने किसानों को विविध प्रयोगशालाओं के साथ गन्ना प्रक्षेत्र का भ्रमण कराया। बिहार स्थित ईख अनुसंधान संस्थान से आए डॉ विनय कुमार तिवारी ने बताया बिहार की छह चीनी मिलों के प्रगतिशील किसानों को बिहार सरकार ने एक्सपोजर विजिट के तहत यहाँ प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है। इस दौरान बिहार की गोपालगंज चीनी मिल; सिधवालिया, बगहा, मार्कटिया, हरीनगर, मझवालिया तथा सुनौली चीनी मिलों के किसानों ने प्रश्न कर गन्ना खेती की समस्याओं का समाधान पाया।
खेत मे करें प्रयोग
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद के प्रभारी डॉ अजय तिवारी ने प्रयोगशालाएं के प्रयोग खेत मे आजमाने ओर जोर दिया। कहा की विज्ञानी जो शोध करते हैं, वे जब तक खेत मे नजर न आए , निरर्थक हैं। उन्होंने पैदावार वृद्धिब के लिए जैविक उत्पादों के प्रयोग तथा मृदा परीक्षण व बीज उपचार के साथ गन्ना बोआई को जरूरी बताया । इस अवसर पर प्रक्षेत्र अधिकारी डॉ अनिल सिंह आदि मौजूद रहे।