जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े तीन कार्यक्रमों में वित्तीय गबन के आरोपों की जांच शुरू हो गई है। अपर जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) एफआर अरविंद कुमार को जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने इस मामले की जांच सौंपी है। एडीएम ने मंगलवार को बीएसए कार्यालय पहुंचकर अभिलेखों की जांच की और संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए। यह मामला तब सामने आया जब अधिवक्ता अमित कुमार शर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि "हमारा आंगन-हमारे बच्चे" नामक उत्सव के आयोजन में 1 लाख 83 हजार रुपये का बजट जारी किया गया था, लेकिन इस राशि का समुचित उपयोग नहीं हुआ। उनके अनुसार प्रतिभागियों को न तो स्मृति चिह्न दिए गए और न ही 500 रुपये की धनराशि प्रदान की गई, जो कि आयोजन के तहत तय थी। इसके बजाय प्रत्येक प्रतिभागी को मात्र दो समोसे 150 रुपये में खिलाए गए।
इसके अलावा, शिकायत में यह भी कहा गया है कि शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी अनियमितताएं की गईं। कार्यक्रमों के नाम पर बजट खर्च तो दिखाया गया, लेकिन धरातल पर उसका कोई साक्ष्य नजर नहीं आया।एडीएम एफआर अरविंद कुमार ने बीएसए कार्यालय में एक घंटे से अधिक समय तक रहकर दस्तावेजों की जांच की। उन्होंने दुकानदारों, शिक्षकों व अन्य विभागीय अधिकारियों से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि सभी तथ्यों और बयानों के आधार पर परीक्षण रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसे जल्द ही जिलाधिकारी को सौंप दिया जाएगा।इस मामले ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर जांच में गबन की पुष्टि होती है, तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।