शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
परौर थाना क्षेत्र में नाबालिग की रहस्यमयी हत्या का पुलिस ने राजफाश कर दिया। नाबालिग की हत्या उसके पड़ोसी ने कुकर्म करने के प्रयास में की थी। आरोपी को गिरफ्तार करकेे जेल भेजा गया है। पुलिस ने घटना केे राजफाश में सर्विलांस का भी इस्तेमाल किया था।
परौर थाना क्षेत्र के गांव नारायन नगला निवासी एक व्यक्ति ने 23 मार्च को सूचना दर्ज कराई थी कि उसका नाबालिग पुत्र कहीं गायब हो गया है। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की थी। पुलिस अधीक्षक ने घटना के खुलासे के लिए टीमों का गठन कर अपहर्त की तलाश कराई। कई थानों की पुलिस को इकट्ठा कर क्षेत्र की काम्बिंग कराई गई। करीब आठ किमी तक रामगंगा नदी में जाल डलवाकर तलाशी कराई। लेकिन अपहर्त नहीं मिला। तीसरे दिन अपहर्त की फटी शर्ट घर के पास गोलागंज जाने वाले मार्ग पर मिली, जिसकी जेब से बुलबुल बीडी के कागज के टुकड़े पर कुछ टूटे फूटे शब्द लिखे मिले व कागज को पढ़कर महसूस हुआ कि लिखे शब्द किसी बाएं हाथ से लिखने बाले कम पढ़े लिखे व्यक्ति द्वारा लिखे गये हैं। इसके बाद पांच अप्रैल को सूरजपाल के खेत में एक बच्चे की खोपड़ी कुछ हड्डियां बाल व लोअर आदि मिले थे। जिसमें परिजनों को बुलाकर पहचान कराई तो परिजनों ने बताया की उक्त कपड़े, खोपडी का कंकाल उनके पुत्र का है तथा शर्ट से मिले लिखे गये शब्द किसी बायें हाथ से लिखने वाले कम पढे लिखे व्यक्ति द्वारा लिखे गये हैं। इस बिन्दु पर भी जांच करते हुए बायें हाथ से लिखने वालों से भी पूछताछ की गई थी। इसी क्रम में अभियुक्त का सगा नाबालिग भांजा जो बायें हाथ से ही लिखता है, उससे लिखवाकर देखा गया तथा पूछताछ की गई तो उसे यह बात बताने में अधिक देर ना लगी, बताया कि यह पर्ची मेरे मामा प्रकाश पुत्र प्रेमपाल ने मुझसे लिखवाई थी लिखवाने का कोई कारण मुझे नही बताया था। पुलिस ने अभियुक्त प्रकाश को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध आवश्यक विधिक कार्यवाही करते हुए न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है।
पुलिस की पूछताछ में कुबूला जुर्म
अभियुक्त ने पूछताछ बताया में कि वादी का घर मेरे घर के पास है। जब मैं अपने खेत पर भांजे के साथ जा रहा था तो वादी का पुत्र भी मेरे साथ चल दिया। कुछ दूर जाकर मेरे मन में गन्दे विचार आ गये तब मैने अपने भांजे को घर जाने के लिए कहा, तो मेरा भांजा घर वापस चला गया। कुछ देर बाद वादी के पुत्र को गन्दा काम करने को पकड़ लिया। तो वह जोर-जोर से शोर मचाने लगा । कहने लगा कि यह बात अपने मम्मी पापा को बता दुंगा। तब मैं बच्चे के घर बताने के डर से घबरा गया और बच्चे का मुंह व गला दबा दिया जिससे बच्चे की मौके पर ही मृत्यु हो गई। हत्या से मैं ओर घबरा गया तथा बॉडी को सूरजपाल के गेंहू के खेत में छुपा आया और अगले दिन काफी पुलिस देखकर रात में नींद नहीं आयी। तो मैं मृतक की शर्ट निकालने गया तो बॉडी अकड़ गई थी जिससे शर्ट को फाड़कर निकालना पड़ा। शर्ट फाड़कर निकालते समय घटनास्थल पर बटन टूटकर गिर गये थे, तथा उससे अगले दिन मैंने अपने भांजे से बुलबुल बीड़ी के बंडल के कागज पर कुछ शब्द लिखवाकर फटी शर्ट की जेब में रखकर गोलागंज जाने वाले रास्ते पर पुलिस व घर वालों का दिमाग घुमाने के लिये डाल दिए थे। ताकि उनको शक ना हो और यह भी पता चल जाये की वह बच्चा मर चुका है। अभियुक्त से पूछताछ में शर्ट फाड]ने का जो तरीका बताया उससे ऊपर का बटन नहीं टूटता। जिसके बारे में पूछा गया कि यह बटन कैसे टूटा तो अभियुक्त ने बताया वह बटन मैंने घर पर तोड़ा था और घर पर उस बटन की तलाश की गयी तो वह अभियुक्त के घर से बरामद हुआ। और घटनास्थल से मिले बटनों के समान है तथा अभियुक्त अपने जुर्म की मांफी मागने लगा।
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम
प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह थाना परौर, निरीक्षक श्याम सुन्दर यादव, सिपाही अमित कुमार, सचिन कुमार, राहुल कुमार, धर्मेन्द्र कुमार, मनोज कुमार सर्विलांस सेल शामिल रहे।