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ओसीएफ रामलीला : जनकपुर दर्शन व सीता स्वयंवर का प्रभावी मंचन, दर्शक मंत्रमुग्ध

ओसीएफ व खिरनी बाग रामलीला में रामलीला मंचन से महानगर भक्तिमय हो गया है। जिला कारागार के पास से ओसीएफ रामलीला मैदान तक लोक संस्कृति, सौहार्द की भागीरथी प्रवाहित हो रही है। आायोजन से लोगों को स्वावलंबन के साथ स्वस्थ मनोरंजन भी हो रहा है।  

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Narendra Yadav
ओसीएफ रामलीला में मंचन करते कलाकार

ओसीएफ रामलीला में मंचन करते कलाकार Photograph: (ybn network)

शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाताः  महानगर की फैक्ट्री स्टेट श्री रामलीला मंगलवार के मंचन में ‎रामायण के महत्त्वपूर्ण प्रसंगों में दर्शाया गया जनकपुर का दर्शन और वहां घटित घटनाएँ अत्यंत भावनात्मक व प्रेरणादायक हैं। जनकपुरी पहुंचकर प्रभु श्रीराम व लक्ष्मण ने नगर की भव्यता का अवलोकन किया। पुष्पवाटिका में पहली बार माता सीता और श्रीराम का मिलन हुआ। यह मिलन केवल एक संयोग नहीं, बल्कि ईश्वर की लीला का दिव्य प्रारंभ था। सीता जी ने मन ही मन श्रीराम को अपने पति रूप में स्वीकार किया।

‎इसके बाद राजा जनक ने स्वयंवर की घोषणा की, जिसमें शिव धनुष उठाने की शर्त रखी गई। अनेक राजाओं ने प्रयास किया पर कोई सफल न हो सका। अंततः श्रीराम ने सहज भाव से शिव धनुष को उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाई और वह धनुष भंग हो गया। इसी के साथ सीता जी ने श्रीराम को वरमाला पहनाकर जीवनसाथी के रूप में स्वीकार किया। 


‎इसके बाद राजा जनक ने स्वयंवर की घोषणा की, जिसमें शिव धनुष उठाने की शर्त रखी गई। अनेक राजाओं ने प्रयास किया पर कोई सफल न हो सका। अंततः श्रीराम ने सहज भाव से शिव धनुष को उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाई और वह धनुष भंग हो गया। इसी के साथ सीता जी ने श्रीराम को वरमाला पहनाकर जीवनसाथी के रूप में स्वीकार किया।

‎स्वयंवर में उपस्थित रावण और बाणासुर की अहंकारपूर्ण उपस्थिति ने वातावरण को गंभीर बना दिया। परंतु प्रभु की शक्ति और मर्यादा के आगे वे असफल सिद्ध हुए। इसके उपरांत महर्षि परशुराम प्रकट हुए और लक्ष्मण के साथ उनका संवाद हुआ। लक्ष्मण की वीर वाणी से सभा रोमांचित हो उठी, किंतु श्रीराम के विनम्र और धर्मसम्मत उत्तर से परशुराम का क्रोध शांत हो गया।  
‎यह प्रसंग केवल विवाह का नहीं, बल्कि धर्म, मर्यादा और विनम्रता के संगम का प्रतीक है। जनकपुर का यह अध्याय रामायण में अद्वितीय स्थान रखता है। मंचन सफल बनाने में श्रीरामलीला मंचन समिति के अध्यक्ष हरिशंकर,  सचिव देवेश दिक्षित , संयुक्त सचिव अमित अवस्थी , निदेशक अंकित सक्सेना , सह निर्देशक सुहेल मोहम्मद , प्रभारी महेंद्र दीक्षित , मंचन मीडिया प्रभारी रोहित बीएसए आदि  लोगों का विशेष सहयोग रहा ।

इनका रहा सहयोग

‎कार्यक्रम का संचालन सतीश कुमार सक्सेना एवं यशपाल कुकरेजा ने किया , कलाकारों को रूप सजा देने का कार्य सुनील गुप्ता सोमेश  मोनू शालिनी ने किया , बैकग्राउंड कंप्यूटराइज्ड म्यूजिक सोहम वर्मा ने दिया । हारमोनियम को राम लखन ढोलक को सनी राठौर तथा नक्कारा को महेश ने बजाया । मंच के साज सजा का कार्य अर्जुन सिंह यादव की टीम ने किया । वेशभूषा स्टोर व्यवस्था का कार्यभार विनोद पांडे , सुमित राणा , विजय राणा , धर्म किशोर कुशवाहा , आदि ने संभाला ।

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 फैक्ट्री स्टेट श्री रामलीला मंचन में , श्री राम रोहित सक्सेना , लक्ष्मण - विष्णु देवेंद्र पाल , भरत- इंद्र अंकित अवस्थी,  शत्रुघ्न रोहित सक्सेना 2 , दशरथ- साधु रावण पैट्रिक दास , शिव -  लंकेश - आचार्य रावण अंकित सक्सेना ,  हनुमान- विश्वामित्र मोहित कन्नौजिया , गुरु वशिष्ठ- सुतीक्ष्ण- अंगद- यज्ञवल संदीप कुमार आर्य, केवट हाड़दंग- बहादुर अरुण डी आर , परशुराम-विभीषण- मारीच अरशद आजाद,  अगस्त मुनि- भारद्वाज सरदार एस-एल सिंह,  राजा हिलडुल सिंह महेंद्र दीक्षित, मेघनाथ - सुमंत कौशलेंद्र पांडे , बाली-वीरभद्र प्रमोद कुमार सक्सेना , हास्य अभिनेता बटेश्वर दयाल,  कुंभकरण- खर लक्ष्मण मिश्रा, जनक सुहेल मोहम्मद, दूषण - सुग्रीव सुभाष श्रीवास्तव,  नारद- नृत्य राजेश भारती , लंकनी- - सुरसा - मगरी विनय कुमार शर्मा , बसंत-शबरी नरेंद्र सिंह नागेश , केसरी - तड़का - कुरूप सूर्पनखा,  शुभम सक्सेना , निषादराज - राजकुमार - मंत्री ईश्वरदिन ,  समुद्रदेव - अग्निदेव - कामदेव जय सिंह , ऋषि- राजा- मंत्री मनोज कश्यप , राजकवि सुमित राणा , मनु - सुषेणवैध विनोद पांडे,  नील- ऋषि- प्रहरी अर्जुन ,  ऋषि - प्रहरी - सैनिक रामविलास , राजा- सैनिक अमित वर्मा , कुबेर - राजा - मंत्री मोहित बाजपेई , सैनिक - ऋषि- प्रहरी अर्जुन वर्मा ,  सैनिक- ऋषि रवि कुमार शर्मा, , सैनिक - ऋषि - राजा मंत्री शोभित पांडेय ,  पुरवासी - सैनिक - प्रहरी अवनीश कुमार,  उपकार , अरविंद राजा - मंत्री - ऋषि अजीत श्रीवास्तव , राजा - मंत्री अंशुल दीक्षित , सैनिक - ऋषि - मंत्री अभय कश्यप,  अनूप मिश्रा,  लक्ष्य शर्मा , शैलेंद्र पटेल , शिवम आदि पुरुष कलाकार , एवं  सीता रानी मिश्रा,  सती - उमा - सुमित्रा , सुलोचना अनामिका वर्मा ,  कैकई साधना , विश्व मोहिनी - उर्मिला - तारा - सुंदरी सूर्पनखा चांदनी ,  कौशल्या - मंथरा वर्षा , जनक पत्नी - दक्ष पत्नी - अनसूया - केवट पत्नी रजनी अग्निहोत्री , नृत्य गान सखी मानसी,  मधु , नैंसी राठौर शतरूपा लक्ष्मी सक्सेना ,  गंगा अनन्या ,  गौरी अवनी , नृत्य - गान - सखी विनीता , रंजना, उजाला, आदि महिला कलाकार पात्रों को निभा रहे हैं । 







 

 

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