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तीन दिन से बिजली संकट, भड़के पार्षद— जानिए क्या कहा अधिकारियों से

शाहजहांपुर के अंटा फीडर क्षेत्र में तीन दिन से जारी बिजली संकट को लेकर स्थानीय पार्षद भड़क उठे। पार्षदों ने अधीक्षण अभियंता से मुलाकात कर लोड को बहादुरगंज और विकास भवन फीडर में बांटने की मांग रखी। साथ ही जवाबदेही तय करने पर जोर दिया।

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Ambrish Nayak
Shahjahanpur news

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। अंटा फीडर से जुड़े क्षेत्रों में लगातार तीन दिन से बिजली आपूर्ति बाधित रहने से जनता के सब्र का बांध टूटने लगा था। गर्मी में बेहाल नागरिकों की परेशानी जब स्थानीय पार्षदों तक पहुंची तो उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों से दो-टूक बात करने का निर्णय लिया।

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शुक्रवार दोपहर तीन बजे अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता से मिलने पहुंचे दर्जनों पार्षदों ने समस्या का समाधान न होने पर नाराजगी जताई। प्रतिनिधिमंडल में पार्षद रामबरन सिंह चंदेल, विपिन यादव, दिलीप गुप्ता, मजहर हुसैन, लाल पुजारी, प्रदीप सक्सेना, अनूप गुप्ता, राजेश गंगवार समेत कई अन्य पार्षद शामिल रहे।

पार्षदों ने रखी ये प्रमुख मांगे

अंटा फीडर का लोड अधिक होने से हो रही बार-बार बिजली बाधित।

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इस लोड को बहादुरगंज और विकास भवन फीडर में बांटा जाए ताकि सप्लाई सुचारू हो सके।

रात में हो रही बिजली कटौती को रोका जाए।

वार्डों में बिजली खंभों की कमी और लटकते तारों जैसी समस्याओं का शीघ्र समाधान हो।

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पार्षदों के तेवर रहे तीखे, जनहित में रखी खुलकर बात

पार्षद रामबरन सिंह चंदेल ने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा जनता हमें चुनकर भेजती है, उनकी परेशानियों को नजरअंदाज करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अंटा फीडर पर अतिरिक्त लोड से लोग लगातार बिजली कटौती झेल रहे हैं। अधिकारियों को चाहिए कि वे जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दें वरना हमें आंदोलन का रास्ता अपनाने से भी गुरेज़ नहीं होगा।

पार्षद विपिन सिंह यादव ने विभागीय कर्मचारियों के रवैये पर सवाल खड़े करते हुए कहा जब जनता फोन करती है तो कोई जवाब नहीं मिलता। ऐसे गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से विभाग की छवि खराब हो रही है। अधीक्षण अभियंता को चाहिए कि वे अपने अधीनस्थों को निर्देशित करें कि वे जनता से सम्मानजनक ढंग से बात करें और समस्या को गंभीरता से लें।

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पार्षद दिलीप गुप्ता ने सख्त लहजे में कहा बिजली विभाग की लापरवाही चरम पर है। न तो सही समय पर मरम्मत होती है, न ही कोई सूचना दी जाती है। अधिकारी जनता की शिकायतों को नजरअंदाज कर रहे हैं। अगर जनता हमें घेरती है तो हम भी आप लोगों को चैन से बैठने नहीं देंगे। यह जनप्रतिनिधियों का नहीं, जनता का आक्रोश है।

पार्षद मजहर हुसैन ने बिजली कटौती के समय पर सवाल उठाते हुए कहा रात्रिकालीन कटौती से सबसे ज्यादा असर विद्यार्थियों, बुजुर्गों और बीमार लोगों पर पड़ता है। विभाग को चाहिए कि वह कोई स्थायी समाधान निकाले ताकि रात में सप्लाई बाधित न हो।

पार्षद लाल पुजारी ने कहा मेरे वार्ड में कई स्थानों पर बिजली खंभे नहीं हैं। लोग झुग्गी-झोपड़ियों से जैसे-तैसे बिजली जोड़कर काम चला रहे हैं जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। विभाग को जल्द से जल्द खंभे लगवाने चाहिए।

पार्षद प्रदीप सक्सेना ने क्षेत्रीय खतरे की ओर ध्यान खींचते हुए कहा लटकते तार मौत को दावत दे रहे हैं। कई बार बच्चे और बुजुर्ग इन तारों के चपेट में आने से बाल-बाल बचे हैं। अगर समय रहते इन्हें ठीक नहीं किया गया तो बड़ी अनहोनी हो सकती है, जिसकी जिम्मेदारी विभाग की होगी।

पार्षद अनूप गुप्ता ने विभागीय निष्क्रियता को आड़े हाथों लेते हुए कहा बिजली विभाग को अपनी कार्यशैली में सुधार लाना होगा। हम जनता के सामने जवाबदेह हैं और आपकी जवाबदेही हम तय करेंगे। अब सिर्फ फाइलों में समाधान नहीं चलेगा जमीनी स्तर पर काम नजर आना चाहिए।

पार्षद राजेश गंगवार ने बिजली आपूर्ति की अनियमितता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा मेरे क्षेत्र में सप्लाई का कोई तय समय नहीं है। कभी दो घंटे आती है तो कभी चार घंटे गायब। यह स्थिति अब असहनीय होती जा रही है। विभाग को एक स्थायी शेड्यूल बनाकर लागू करना चाहिए।

बैठक के दौरान पार्षदों ने अधिकारियों को यह भी चेताया कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे। इस मौके पर पार्षद अतुल दीक्षित, संजय सरस्वत, नरेंद्र पाल, अमित शर्मा, अंकुर अस्थाना, चंद्रबरन सिंह और सूरजीत सक्सेना भी मौजूद रहे।

 

 

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