शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता:
आबकारी विभाग में शराब दुकान आवंटन की प्रतिभूति राशि के अंकों में हेराफेरी कर 1.42 करोड़ की धनराशि में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। अधिकारियों की मिलीभगत से किए गए खेल का राजफ़ाश होने पर 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। इससे राजनीतिक हल्कों में खलबली मच गई है।
दरअसल 12 लॉगों में दो जिला पंचायत सदस्य समेत पूर्व विधानसभा प्रत्याशी भी शामिल है। हालांकि कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता माना जा रहा है, लेकिन विभाग की ओर से दो बार में एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद विभाग में नए तरीके के घपले का राजफ़ाश हुआ है। इससे अधिकारी भी चकरा गए हैं। जिला आबकारी अधिकारी उदय प्रकाश की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर प्रतिभूति राशि के अंकों मे हेराफेरी कर अलग अलग 14 दुकानों से लगभग एक करोड़ 42 लाख का फर्जीवाड़ा दर्शाया गया है। बरेली के उप आबकारी आयुक्त एसपी सिंह की ओर से बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक की एफडीआर अनुज्ञापियों की ओर से धोखाधड़ी को पाया गया।
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जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में जो एफडीआर प्रस्तुत की गई, उनमें शपथ पत्र के मुताबिकराजस्व को जमा नहीं पाया गया। इससे सरकार को राजस्व हानि बताते हुए धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। अनुज्ञापियों की ओर सर दुकान आवंटन व नवीनीकरण के समय प्रस्तुत शपथ पत्र के बिन्दुओं में झूठा कथन अंकित होना पाया गया है। नतीजतन प्रदेश आबकारी (देशी शराब की फुटकर बिकी के अनुज्ञापनों का व्यवस्थापन) नियमावली की दी गयी शर्तों के उल्लंघन के क्रम में दुकान निलंबन के साथ एफआईआर दर्ज कराई गई।
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इनके खिलाफ दर्ज हुई प्राथमिकी
- सरवन सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, सत्येंद्र सिंह, मोरश्री , शिवचंद्र ,, उपेंद्र सिंह दिनेश सिंह, रजनी सिंह, नीलम सिंह, राज बेटी, प्रतिभा सिंह, अरुण प्रताप सिंह आदि के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई।
वर्जन
शासन के निर्देश पर 14 दुकानों की जांच की गई। गड़बड़ी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस मामले में विवेचना कर रही है।
उदय प्रकाश। जिला आबकारी अधिकारी
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