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Mohsin naqvi
नई दिल्ली, बाईवीएन डेस्कःएशिया कप के फाइनल मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को धो डाला। इस मैच के हीरो तिलक वर्मा रहे, उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब मिला। इस शानदार मुकाबले के बाद पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। जहां टीम इंडिया ने साफ इनकार कर दिया कि वह ट्रॉफी पाकिस्तानी मोहसिन नक़वी से नहीं लेगी।
मैच के बाद दो घंटे तक चला ड्रामा
मैच के बाद करीब दो घंटे तक ये ड्रामा चलता रहा। मोहसिन नक़वी ट्रॉफी को लेकर स्टेज पर खड़े रहे, लेकिन भारतीय खिलाड़ी अड़े रहे कि जब तक नकवी स्टेज से नहीं उतरेंगे, तब तक वे ट्रॉफी लेने नहीं जाएंगे। खिलाड़ियों ने साफ कर दिया कि वे नक़वी के हाथों ट्रॉफी स्वीकार नहीं करेंगे। आख़िरकार यह तय हुआ कि भारतीय टीम पुरस्कार नहीं लेगी। इस तरह एशिया कप जीतने के बावजूद भारतीय खिलाड़ियों ने ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया।
कौन हैं मोहसिन नकवी?
बता दें कि एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के प्रेसिडेंट मोहसिन नक़वी ही हैं, जो पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं। हैंडशेक विवाद के बाद से ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि भारतीय खिलाड़ी किसी पाकिस्तानी से ट्रॉफी नहीं लेंगे।
पहले मैच में हैंडशेक को लेकर हुआ था हंगामा
दरअसल, 14 सितंबर को भारत-पाकिस्तान के बीच खेले गए टूर्नामेंट के पहले मैच में भी भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने यानी हैंडशेक से इनकार कर दिया था। उस वक्त यह मुद्दा काफी उछला था और दोनों देशों के क्रिकेटिंग रिश्तों को लेकर काफी ड्रामा हुआ था।
ट्रॉफी देने के लिए बेकरार थे मोहसिन नकवी
एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के प्रेसिडेंट और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नक़वी ने खुद ट्रॉफी देने को लेकर अपनी उत्सुकता जताई थी। उन्होंने एक बयान में कहा था कि इस साल के एशिया कप क्रिकेट में प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन रहा है। प्रशंसकों का जुनून, एशियाई टीमों की प्रतिस्पर्धी भावना और मैदान पर उनके अविश्वसनीय प्रदर्शन ने इसे सचमुच यादगार बना दिया है। हमें रिकॉर्ड दर्शक संख्या देखने को मिली है, जो पूरे महाद्वीप में क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है। मैं एक शानदार फाइनल देखने के लिए उत्साहित हूं और विजेता टीम को ट्रॉफी सौंपने के लिए उत्सुक हूं।
एशिया कप के फाइनल में पहली बार भिड़े भारत-पाकिस्तान
यह पहली बार था जब एशिया कप के इतिहास में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने फाइनल खेल रहे थे। ऐसे में नक़वी का यह बयान और भी अहम माना गया, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों का उनका हाथ से ट्रॉफी न लेने का फैसला पूरे टूर्नामेंट का सबसे बड़ा विवाद बन गया।