नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के महासचिव हेमंत कलिता को एक जांच में ‘वित्तीनावय अनियमितताओं’ का दोषी पाए जाने के बाद मंगलवार को निलंबित कर दिया और इसके बाद आगामी चु में अध्यक्ष पद के लिए उनका नामांकन भी खारिज कर दिया गया।
दिग्विजय सिंह को भी किया गया था निलंबित
दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश सुधीर कुमार जैन द्वारा की गई जांच के बाद कोषाध्यक्ष दिग्विजय सिंह को भी इसी तरह के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। जैन को जांच के लिए बीएफआई ने नियुक्त किया था। यह जांच उस शिकायत के बाद की गई जिसमें दोनों पर अनधिकृत धन निकासी, फर्जी बिलिंग और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था।
बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने भेजा नोटिस
बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने दोनों को आधिकारिक तौर पर सूचित करते हुए बताया, ‘‘न्यायमूर्ति जैन ने अपनी जांच पूरी कर ली है और अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें आप दोनों को वित्तीय अनियमितताओं और धन के कुप्रबंधन के गंभीर आरोपों का दोषी पाया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस निष्कर्ष की गंभीरता को देखते हुए तथा महासंघ के संचालन में अखंडता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आप दोनों को भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के महासचिव और कोषाध्यक्ष के संबंध पदों से तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया गया है
ऐसी घटनाओं से खेलों को होगा नुकसान
यह घटना भारतीय खेल प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्व को उजागर करती है। यह खेल संगठनों में वित्तीय अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है। यह घटना भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के भीतर चल रहे प्रशासनिक मुद्दों और सुधारों की आवश्यकता को भी दर्शाती है। आने वाले समय में ऐसी घटना न हो इस पर भारतीय मुक्केबाजी संघ को ध्यान देने की आवश्यकता है।