नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स।आखिरी ओवर में चाहिए थे 15 रन… सामने स्पिनर, मैदान पर सन्नाटा और करोड़ों फैंस की धड़कनें तेज। जैसे ही आखिरी गेंद आई, बल्लेबाज बल्ला चला ही नहीं सका… और बस, पूरा मैदान नीले रंग में रंग गया। भारतीय खिलाड़ियों का जश्न देखकर ऐसा लग रहा था जैसे जीत किसी युद्ध से कम न हो। वहीं इंग्लिश खिलाड़ी निराश आंखों से जमीन निहारते रह गए।
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ये कहानी है आज से ठीक 12 साल पहले की, जब 23 जून 2013 को भारत और इंग्लैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी 2013 का फाइनल खेला जा रहा था। जगह थी इंग्लैंड का बर्मिंघम, और कप्तान थे एमएस धोनी — वही धोनी, जो बड़े मुकाबलों में अपनी चाल से विरोधियों की सांसें रोकना जानते थे।
धोनी का मास्टरस्ट्रोक जिसने खिताब भारत की झोली में डाल दिया
बारिश के कारण ये मुकाबला 50 की जगह 20-20 ओवर का कर दिया गया। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर भारत को बल्लेबाजी दी और भारतीय बल्लेबाजों ने संघर्ष करते हुए 7 विकेट पर 129 रन बनाए। विराट कोहली (42) और रवींद्र जडेजा (33)* ने टीम को लड़ने लायक स्कोर तक पहुंचाया। लक्ष्य भले ही छोटा था, लेकिन इंग्लैंड की शुरुआत भी खराब रही। 46 रन पर 4 विकेट गिर चुके थे। मगर इसके बाद ऑएन मॉर्गन और रवि बोपारा ने मिलकर भारत के सामने खतरे की घंटी बजा दी। आखिरी 3 ओवर में इंग्लैंड को 28 रन चाहिए थे और दोनों बल्लेबाज सेट थे।
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धोनी का दांव: इशांत को गेंद देना या हार का खतरा?
यहां आया धोनी का मास्टरस्ट्रोक। 18वें ओवर में धोनी ने गेंद थमाई इशांत शर्मा को। हर कोई हैरान था क्या ये फैसला भारत को खिताब से दूर कर देगा? शुरुआत में इशांत ने वाइड फेंकी, छक्का खाया और चारों ओर दबाव था। तभी धोनी विकेट के पीछे से दौड़कर इशांत के पास पहुंचे, कुछ कहा... शायद वही शब्द पूरे मैच का पासवर्ड बन गए।
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अगली दो गेंदें, अगला दृश्य —
मॉर्गन आउट!
बोपारा आउट!
मैच पलट चुका था। पूरा बर्मिंघम भारतीय शोर में डूब चुका था।
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आखिरी ओवर: 6 गेंद, 15 रन और अश्विन के हाथ में किस्मत
आखिरी ओवर में गेंद थी रविचंद्रन अश्विन के हाथ में। पहली गेंद डॉट, दूसरी पर चौका, फिर एक रन, फिर दो-दो रन… आखिरी गेंद पर इंग्लैंड को 6 रन चाहिए थे। धड़कनें थमीं… गेंद आई… बल्लेबाज चूका… और भारत बन गया चैंपियन!
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टीम इंडिया के असली हीरो
धोनी की कप्तानी, जडेजा का हरफनमौला खेल, विराट की संघर्षपूर्ण पारी और इशांत शर्मा का वो ऐतिहासिक ओवर — सबने मिलकर वो जीत लिखी, जिसे आज भी भारतीय फैंस भूल नहीं सकते। 23 जून 2013, वो दिन जब धोनी ने ICC की तीनों बड़ी ट्रॉफियां जीतने वाले पहले कप्तान का तमगा हासिल किया था
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भारत की चैम्पियंस ट्रॉफी 2013 वाली टीम
एमएस धोनी (कप्तान), विराट कोहली, शिखर धवन, मुरली विजय, दिनेश कार्तिक, रोहित शर्मा, सुरेश रैना, आर अश्विन, रवींद्र जडेजा, अमित मिश्रा, इरफान पठान, ईशांत शर्मा, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, विनय कुमार।
2013 में भारत को इतनी मिली थी प्राइज मनी
टीम इंडिया ने हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर खिताब अपने नाम किया। इस शानदार जीत के साथ भारत को करीब 58 करोड़ रुपये की प्राइज मनी मिली। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 2013 में जब भारत ने इंग्लैंड को हराकर खिताब जीता था, तब उसे कितनी इनामी राशि मिली थी? गूगल पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, एमएस धोनी की कप्तानी में 2013 की चैंपियन टीम को 2 लाख डॉलर, यानी उस समय के हिसाब से करीब 11 करोड़ 31 लाख रुपये प्राइज मनी के तौर पर मिले थे। यानी 12 साल में भारत को मिलने वाली इनामी राशि में करीब 5 गुना बढ़ोतरी हुई है।