पुणे, वाईबीएन नेटवर्क।
क्रिकेट के खेल में यदि किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान सिर या आंख में चोट लगती है, तो कन्कशन सब्स्टीट्यूट रूल लागू होता है। इस रूल के अंतर्गत चोटिल खिलाड़ी की जगह सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी फील्ड पर उतर सकता है। सब्स्टीट्यूशन लाइक फॉर लाइक प्लेयर्स के बीच होना चाहिए। भारत और इंग्लैंड के बीच हुए चौथे मैच में भी कन्कशन सब्स्टीट्यूट की जरूरत पड़ी। मुकाबले में शिवम दुबे को बल्लेबाजी के दौरान सिर में चोट लग गई थी, जिसके चलते हर्षित को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर मौका मिला। कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में हर्षित का उतरना बवाल का कारण बन गया। हर्षित बैटिंग ऑलराउंडर शिवम दुबे की जगह मैदान पर आए और कमाल की गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट लिए। भारत ने अब T-20 सीरीज में 3-1 की अजय बढ़त बना ली है।
कन्कशन सब्स्टीट्यूट पर बवाल
चौथे टी-20 में तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने लियाम लिविंगस्टोन, जैकब बेथेल और जेमी ओवर्टन को आउट करके मैच का रुख बदल दिया। इसको लेकर बटलर समेत कई बड़े क्रिकेटर्स ने सवाल उठाए। अब इस मामले में टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की एंट्री हो गई है। अश्विन ने कहा कि खेल देखकर ऐसा लगा, मानो यह आईपीएल मैच हो। अश्विन ने मैच ऑफिशियल्स के फैसले पर सवाल उठाए।
आर अश्विन ने उठाए सवाल
आर. अश्विन ने यूट्यूब चैनल पर कहा, 'खेल समाप्त हो गया. भारत ने घरेलू मैदान पर एक और सीरीज जीत ली. यह मुकाबला कैसा था? यह आईपीएल की तरह था। सुपरसब भी मौजूद था और गेम इम्पैक्ट प्लेयर के साथ खेला गया। पूरी चर्चा इस बात पर है कि हर्षित राणा शिवम दुबे की जगह कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर कैसे आए।' उन्होंने आगे कहा, 'क्या हम भूल गए कि यह एक इंटरनेशनल मैच था। क्या हम आईपीएल मैच खेल रहे हैं? मैं समझ सकता हूं। ऐसा पहले भी हो चुका है। कैनबरा में रवींद्र जडेजा को कन्कशन हुआ और युजवेंद्र चहल बतौर सब्स्टीट्यूट बुलाए गए। मुझे यह समझ में नहीं आता। कम से कम पहले तो जडेजा की जगह चहल आए थे, जो स्पिनर के बदले स्पिनर था।' आगे आर. अश्विन कहते हैं, 'यहां हर्षित राणा को शिवम दुबे की जगह लाया गया। इसमें भारतीय या इंग्लिश टीम की कोई भूमिका नहीं है। अगर टीम में कोई नहीं है, तो आप कह सकते हैं कि हर्षित राणा थोड़ी बल्लेबाजी कर सकते हैं और शिवम दुबे थोड़ी गेंदबाजी कर सकते हैं, इसलिए हमने उन्हें लाया गया, रमनदीप सिंह जैसे प्लेयर बाहर बैठे थे, मुझे समझ नहीं आया। यह पूरी तरह से गलत कैलकुलेशन है।' आर. अश्विन ने अंत में कहा, 'यह पूरी तरह से क्रिकेटिंग मिसकैलकुलेशन है, चाहे अंपायर्स की ओर से हो या मैच रेफरी की ओर से। शिवम दुबे की तरह रमनदीप सिंह वहां मौजूद थे, लेकिन हर्षित राणा को कन्कशन सब्सटीट्यूट के रूप में चुना गया। मुझे लगता है कि जिम्मेदार लोगों को इस पर गौर करना चाहिए।'
कन्कशन सब्स्टीट्यूट रूल
आईसीसी के नियमानुसार जब किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान मैदान पर सिर या आंख में चोट लगती है, तो कन्कशन सब्स्टीट्यूट रूल (Concussion Substitute Rule) लागू होता है। हालांकि सब्स्टीट्यूशन लाइक फॉर लाइक होना चाहिए। हर्षित राणा एक तेज गेंदबाज हैं, जबकि शिवम दुबे बैटिंग ऑलराउंडर हैं। ऐसे में ये निर्णय थोड़ा हैरान करने वाला रहा। हालांकि मैच रेफरी की मंजूरी के बाद ही किसी खिलाड़ी को कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर उतारा जाता है। इस मुकाबले में मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ थे।