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Asia Cup Final: फाइनल में पहली बार चिर प्रतिद्वंद्वी भारत-पाकिस्तान की 'जंग', दुनिया देखेगी किसमें कितना है दम

एशिया कप फ़ाइनल आ गया है और एक बार फिर इतिहास का बोझ उम्मीदों के बोझ से ज़्यादा भारी लग रहा है। वैसे भारत और पाकिस्तान क्रिकेट के मैदान में अनगिनत बार भिड़ चुके हैं, लेकिन एशिया कप फ़ाइनल में पहली मर्तबा आमने-सामने हैं।

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Mukesh Pandit
india vs pak

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।एशिया कप फ़ाइनल का दिन आ गया है और एक बार फिर इतिहास का बोझ उम्मीदों के बोझ से ज़्यादा भारी लग रहा है। वैसे भारत और पाकिस्तान क्रिकेट के मैदान में अनगिनत बार भिड़ चुके हैं, लेकिन एशिया कप फ़ाइनल में पहली मर्तबा आमने-सामने हैं। दोनों टीमों का यह मुकाबला अब दुबई में दूधिया रोशनी में होगा, जो न सिर्फ़ लाज़मी है, बल्कि कई मायनों में दुर्लभ भी। भारत फ़ाइनल में पहुंचने वाली अपराजित टीम है, जबकि पाकिस्तान इस टूर्नामेंट में दो बार हार चख चुका है और दोनों ही बार भारतीयों से हार का जख्म मिला है। फिर भी, अगर सूर्यकुमार यादव की टीम रविवार को लड़खड़ाती है, तो ये शानदार जीतें भी कोई मायने नहीं रखेंगी, खासकर जब उन्होंने कहा था कि प्रतिद्वंद्विता कभी-कभी एकतरफ़ा लगती है, क्योंकि हाल के नतीजे भारत के पक्ष में रहे हैं। इससे इस मौके पर एक अलग तरह का दबाव बढ़ जाता है। दोनों टीमों के बीच फाइनल किसी जंग से कम नहीं है।

दोनों प्रतिद्वंद्वियों में टक्कर असामान्य हालत में

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट को लेकर आम क्रिकेट फैन्स और क्रिकेट जगत के सूरमाओं में राय बंटी हुई है। मैदान पर जिस तरह हाथ मिलाने की घटना ने तूल पकड़ा, इसने क्रिकेट की भावना पर देशभक्ति की भावना ज्यादा प्रबल नजर आई। भारतीय कप्तान सूर्या कुमार यादव को अपनी इस टिप्पणी के लिए कि यह जीत पहलगाम हमले के पीड़ितों को समर्पित है (पहले मुकाबले के बाद) के लिए जुर्माना तक की सजा सुननी पड़ी है। क्रिकेट को जैंटलमेन गेम इसलिए कहा जाता है, जब दो टीमें मैदान में आती हैं, तो वहीं निजी और कोई अन्य प्रकार की दुश्मनी मायने नहीं रखती। खेल भावना को सर्वोपरि रखा जाता है।इसमें अगर-मगर की गुंजाइश नहीं रहती है। इन मैचों में यह भावना कहीं टूटती-बिखरती नजर आई। बहरहाल, क्रिकेट की ही बाते करते हैं।. 

देखें किसमें कितना है दम? पावरप्ले में पावर दिखाना होगा

क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान को यह सिखाया गया है कि पावरप्ले वह समय है, जब आपकी टीम आक्रमण करती है। उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ दोनों मैचों में पावरप्ले के दौरान तेज़ी से रन नहीं बनाए। इससे भारत को पाकिस्तान की पारी को मुश्किल में धकेलने का मौक़ा मिल गया। पहले मैच में पावरप्ले के ठीक बाद भारत के स्पिनरों ने कमाल की रणनीति के साथ गेंदबाज़ी की और पाकिस्तान अगले चार ओवरों में सिर्फ़ सात रन ही बना पाया।

इसके अगले रविवार को पाकिस्तान उस ख़तरे में फंसने से बच गया। जैसे ही पावरप्ले ख़त्म हुआ, उन्होंने अगले चार ओवरों में 36 रन बनाए। हालांकि सईम अयूब का विकेट गिरने के बाद और बल्लेबाज़ी क्रम में कुछ अजीब फ़ैसलों के कारण उनतकी धीमी हो गई। ड्रिंक्स ब्रेक के बाद के सात ओवरों में पाकिस्तान सिर्फ़ 38 रन ही बना पाया। नतीजतन एक समय पर 190-200 के स्कोर तक पहुंचने के बजाया पाकिस्तानी बल्लेबाज महज 171 रन ही बनाए।

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अब फ़ाइनल का अपना दबाव होगा, लेकिन इससे पाकिस्तान के लक्ष्य पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए। यदि वे कोई लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं, तो उन्हें हर समय पूरी ताक़त से खेलना होगा। पिछले दो मैचों ने दिखाया है कि उनके पास मैच जीतने का कोई और रास्ता नहीं है।

भारत की कमज़ोर कड़ियों पर एक नजर

पाकिस्तान के एक क्रिकेट एक्सपर्ट दान्याल रसूल कमेंटरी में कहते हैं- पाकिस्तान दोनों में से किसी भी मैच में भारत की बल्लेबाज़ी क्रम के गहराई को नहीं माप पाया है। भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जो रन बनाए, वह उनके शीर्ष क्रम ने ही बनाए हैं। लगभग सभी भारतीय मैचों में ऐसा ही हुआ है, इसका अर्थ है कि इस एशिया कप में भारत के नंबर 6 और उससे नीचे के बल्लेबाज़ों को सीमित मौक़ा मिला है। दिलचस्प बात यह है कि निचले क्रम ने क्रीज़ पर जितना भी समय बिताया है, वह उनके ऊपरी क्रम के साथियों के जितना विस्फोटक नहीं रहा है। सुपर फ़ोर में तीनों मैचों में शीर्ष क्रम के आउट होने के बाद भारत की रन गति धीमी हो गई। बांग्लादेश के ख़िलाफ़ आख़िरी नौ ओवरों में भारतीय बल्लेबाज़ों ने सिर्फ़ 56 रन बने, जिसमें सलामी बल्लेबाज़ों के अलावा सिर्फ़ एक खिलाड़ी का स्ट्राइक रेट 100 से ऊपर था। 

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अभिषेक शर्मा के तीसरे विकेट के पतन ने भारत की रन गति को धीमा कर दिया और अगली 28 गेंदों में सिर्फ़ 30 रन बने। सभी टीमों की तुलना में इस टूर्नामेंट में भारत के नंबर 6-11 के बल्लेबाज़ों ने पांच पूर्ण सदस्य टीमों में सबसे कम गेंदें खेली हैं। ख़ास बात यह है कि वे इन पांच टीमों में वे सबसे धीमी गति से रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी रहे हैं। उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ़ 110.58 है। दान्याल के अनुसार, भारत के ख़िलाफ़ अफ़रीदी के T20I आंकड़े निराश करने वाले रहे हैं, जिसमें 39.25 की औसत से चार विकेट हैं। जिन भी टीमों के ख़िलाफ़ अफ़रीदी ने कम से कम दो मैच खेले हैं, उनमें भारत के ख़िलाफ़ उनका स्ट्राइक रेट और औसत सबसे ख़राब है, और उनका इकोनॉमी रेट 8.80 दूसरा सबसे ख़राब है।

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दबाव पाकिस्तान पर नहीं है

क्रिकेट कमेंटेटर व पूर्व खिलाड़ी आकाश चोपड़ा एक टीवी चैनल पर कहते हैं, सर्यकुमार यादव की कप्तानी में भारतीय टीम एशिया कप में लगातार छह मुकाबले जीतकर फाइनल में है। सूर्या की कप्तानी लाजवाब रही है लेकिन बैटिंग में उनका परफॉर्म करना अभी बाकी है। भारतीय कप्तान फाइनल में शानदार पारी खेलकर वो कमी को भी पूरा सकते हैं। सूर्यकुमार यादव ने बतौर कप्तान  एशिया कप टी20 टूर्नामेंट में अब तक शानदार परिणाम हासिल किया है। लेकिन बल्ले से अपनी ख्याति के मुताबिक चमक बिखेरने में नाकाम रहे हैं। हालांकि रविवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले फाइनल में उनके पास शानदार मौका होगा। सूर्यकुमार का इस टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप चरण के मैच में नाबाद 47 रन रहा है। उन्होंने यह पारी तब खेली जब टीम जीत के लिए छोटे लक्ष्य का पीछा कर रही थी और आक्रामक सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने 31 रन की ताबड़तोड़ पारी से टीम के अन्य बल्लेबाजों से दबाव पूरी तरह से हटा दिया था।

12वीं बार एशिया कप फाइनल खेलेगा भारत

भारतीय क्रिकेट टीम ने लगातार पांच मुकाबले जीतकर एशिया कप के फाइनल में जगह बनाई है। भारतीय टीम 12वीं बार एशिया कप फाइनल में पहुंची है।  इस टूर्नामेंट में भारत ने अभी तक शानदार प्रदर्शन किया है। टीम इंडिया ने लगातार 5 मैच जीतकर फाइनल का टिकट कटाया है। फाइनल 28 सितंबर को खेला जाएगा। मौजूदा एशिया कप में पूरी तरह से भारत का दबदबा रहा है। यूएई में खेले जा रहे इस टूर्नामेंट में भारत की ओर से अभिषेक शर्मा सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं वहीं सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज भारत के कुलदीप यादव हैं। अभिषेक ने एशिया कप के इस एडिशन में अपने रनों की संख्या जहां 248 पर पहुंचा दिया है वहीं कुलदीप यादव ने 12 शिकार पूरे कर लिए हैं। इस टूर्नामेंट में भारत एकमात्र ऐसी टीम है जिसने अजेय रहते हुए फाइनल में प्रवेश किया है।

कितनी बार बना भारत चैंपियन

साल 1984, 1988, 1999 और 1995 में भारत चैंपियन बना था जबकि 1997, 2004 और 2008 में टीम इंडिया उप विजेता रही थी। इसके बाद भारत ने फिर 2010, 2016, 2018 और 2023 में खिताब अपने नाम किया। टीम इंडिया एशिया कप फाइनल रिकॉर्ड 8 बार जीत चुकी है. नौवीं बार भी वह खिताब जीतने के करीब है. सूर्यकुमार एंड कंपनी जिस लय में नजर आ रही है, उससे लगता है कि मौजूदा चैंपियन भारत अपने खिताब की बचाव करने में सफल रहेगा। asia cup 2025 | asia cup 2025 india squad | Asia Cup Final 2025 n

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