नई दिल्ली,वाईबीएन नेटवर्क।
टीम में अनुशासन , एकता और सकारात्मकता को बढाने के लिए बीसीसीआई ने 10 नियम बनाए थे। कुछ समय से ऐसी खबर आ रही थी कि टीम में दरार पड गई है और सभी लोग अपनी मन मर्जी कर रहे हैं। इसी को रोकने के लिए ये नियम बनाए गए थे। बोर्ड ने ये नियम न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया खिलाफ सीरीज हारने के बाद बनाए थे, जिसका असर इंग्लैंड सीरीज में देखा गया था। हाल ही में इन्हीं नियमों को लेकर गौतम गंभीर पर गाज गिरी है।
बीसीसीआई के नए नियम
बीसीसीआई ने नियमों को लेकर कडे फैसले लिए जिसमें , सपोर्ट स्टाफ के निजी सहायक या मैनेजर को अब टीम बस में सीनियर खिलाड़ियों के साथ यात्रा करने की अनुमति नहीं है। न ही उन्हें एक ही होटल में खिलाडियों या सपोर्ट स्टाफ के साथ जाने की अनुमति है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान भारतीय कोच के गंभीर के साथ हमेशा रहने वाले उनके निजी सहायक को दौरे के बाद बीसीसीआई की इस सख्ती का सामना करना पडा। बोर्ड दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान ऐसा नहीं होने देना चाहता है। यह बताया गया है कि गंभीर का पीए (पर्सनल असिस्टेंट) अब उन्हीं के होटल में रहने की जगह किसी अन्य होटल में रुक रहा है। इंग्लैंड और भारत के बीच सीरीज के दौरान ऐसा देखने को मिला है।
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गौतम गंभीर के पीए को रहना पडेगा अलग
पीटीआई के हवाले से आई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ‘कोचिंग स्टाफ के एक सदस्य का निजी सचिव, जो नियमित रूप से टीम होटल में देखा जाता रहा। अब इंग्लैंड सीरीज के दौरान एक अलग सुविधा में रहा। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गौतम गंभीर ही कोचिंग स्टाफ के एकमात्र सदस्य थे, जिनके पास निजी सहायक मौजूद था। कोच के पास अब वही सेटअप नहीं हो सकता, क्योंकि बोर्ड ने आधिकारिक तौर पर अपना नया नियम लागू कर दिया है।