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नई दिल्ली, वाईबीएन स्पोर्ट्स। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता बेथलीट लॉरा डालमायर की सोमवार को क्लाइंबिंग हादसे में मौत हो गई। 31 वर्षीय लॉरा जर्मनी की रहने वाली थीं। वे पाकिस्तान के काराकोरम पर्वत श्रेणी में स्थित लैला पीक पर चढ़ाई कर रही थीं, तभी उनके ऊपर चट्टानें गिर गईं। यह जानकारी लॉरा की टीम ने सोशल मीडिया माध्यम से शेयर की।
अभिनव बिंद्रा ने लारा के निधन पर जताया शोक
भारत के दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने लॉरा डालमायर के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने बुधवार को X पर लिखा, "लॉरा डालमायर के दुखद निधन की खबर से स्तब्ध और गहरा दुख महसूस कर रहा हूं। वह न केवल एक ओलिंपिक चैंपियन थीं, बल्कि बायएथलॉन की दुनिया में एक मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत भी थीं। उनका साहस, सादगी और प्रकृति से उनका जुड़ाव असंख्य लोगों को प्रेरणा देता रहा है। उनके परिवार, करीबियों और ओलिंपिक समुदाय के प्रति मेरी संवेदनाएं।"
एक चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण पदक जीते
लॉरा डालमायर ने 2018 विंटर ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। वे पहली महिला बायएथलीट बनीं, जिन्होंने एक ही ओलिंपिक में स्प्रिंट और पर्सूट दोनों इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इससे एक साल पहले, 2017 में, उन्होंने एक ही वर्ल्ड चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण पदक जीतकर एक और रिकॉर्ड कायम किया था। खेलों में शानदार उपलब्धियों के बावजूद, उन्होंने 2019 में मात्र 25 साल की उम्र में संन्यास लेने का फैसला किया।
बायथलॉन क्या है?
बायथलॉन एक रोमांचक शीतकालीन खेल है, जो विंटर ओलिंपिक का हिस्सा होता है। यह दो बेहद अलग क्रॉस-कंट्री स्कीइंग और राइफल शूटिंग का अनोखा संयोजन है। इस खेल में एथलीट बर्फ से ढके ट्रैक पर स्कीइंग करते हुए तय अंतराल पर रुकते हैं और स्थिर होकर निशाना साधते हैं। यदि खिलाड़ी निशाना चूकते हैं तो उन्हें या तो पेनल्टी लैप लगानी पड़ती है या समय जुड़ता है, जिससे उनका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। इसलिए इस खेल में गति, धैर्य, और सटीकता तीनों का संतुलन बेहद जरूरी होता है।