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भारतीय स्क्वैश के 'शिखर पुरुष' सौरव घोषाल, जिन्होंने देश को बुलंदियों तक पहुंचाया

कोलकाता में जन्मे सौरव घोषाल ने अपने गृहनगर में कोलकाता रैकेट क्लब में स्क्वैश खेलना शुरू किया। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद सौरव चेन्नई स्थित आईसीएल स्क्वैश एकेडमी पहुंचे, जहां रिटायर्ड मेजर मनियम और साइरस पोंचा से इस खेल की बारीकियां सीखीं।

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Mukesh Pandit
Saurav Ghosal

Saurav Ghosal

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नई दिल्ली,आईएएनएस । सौरव घोषाल भारत के प्रसिद्ध स्क्वैश खिलाड़ी रहे, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया। सौरव कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में अपने वतन को कई पदक जिता चुके हैं। अपनी तेज गति और बेहतरीन तकनीक के लिए मशहूर घोषाल भारतीय स्क्वैश को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले खिलाड़ी रहे। 

दोहा एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था

10 अगस्त 1986 को कोलकाता में जन्मे सौरव घोषाल ने अपने गृहनगर में स्थित कोलकाता रैकेट क्लब में स्क्वैश खेलना शुरू किया। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद सौरव चेन्नई स्थित आईसीएल स्क्वैश एकेडमी पहुंचे, जहां रिटायर्ड मेजर मनियम और साइरस पोंचा से इस खेल की बारीकियां सीखीं। साल 2004 में सौरव ब्रिटिश जूनियर ओपन अंडर-19 स्क्वैश खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने। साल 2006 में उन्होंने दोहा एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। अगस्त 2007 में उन्हें 'अर्जुन पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। घोषाल यह सम्मान पाने वाले पहले स्क्वैश खिलाड़ी बने

सौरव घोषाल ने 18 बार टूर्नामेंट का फाइनल खेला

साल 2003 में पीएसए में डेब्यू करने वाले सौरव घोषाल ने 18 बार टूर्नामेंट का फाइनल खेला। इस दौरान उनके नाम 10 खिताब रहे।नवंबर 2021 में मलेशियन ओपन स्क्वैश चैंपियनशिप के फाइनल में उन्होंने कोलंबिया के मिगुएल रोड्रिग्ज को शिकस्त देकर अपना अंतिम पीएसए खिताब हासिल किया।

साल 2024 में विंडी सिटी ओपन पीएसए टूर पर आखिरी बार प्रतिस्पर्धा करते हुए उन्हें राउंड ऑफ 64 में यूएसए के टिमोथी ब्राउनेल से शिकस्त झेलनी पड़ी।
सौरव घोषाल वर्ल्ड स्क्वैश चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं। उन्होंने यह कारनामा साल 2013 में मैनचेस्टर में किया था।

इंचियोन में खेले गए 17वें एशियन गेम्स

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साल 2014 में उन्होंने इंचियोन में खेले गए 17वें एशियन गेम्स के सिंगल्स इवेंट में रजत पदक अपने नाम किया। ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी थे। फाइनल में उन्हें कुवैत के अब्दुल्ला अल-मुजायेन से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने टीम इवेंट में भारत को उसका पहला स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

दुनिया के टॉप 10 में जगह बनाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी

साल 2018-19 में सौरव दुनिया के टॉप 10 में जगह बनाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में सौरव घोषाल ने सिंगल्स और मिक्स्ड डबल्स इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीते। इसी साल वर्ल्ड डबल्स चैंपियनशिप के मिक्स्ड डबल्स इवेंट में दीपिका पल्लीकल के साथ स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया था।

सौरव घोषाल ने अप्रैल 2024 में पेशेवर स्क्वैश से संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने पीएसए टूर पर 511 में से 281 मैच जीते। सौरव घोषाल ने भारतीय स्क्वैश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में अहम योगदान दिया। उन्होंने एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतकर युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए भारत में स्क्वैश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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