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Khel Ratna मिलने के 2 दिन बाद Manu Bhaker पर टूटा दुखों का पहाड़, परिवार के सदस्यों की मौत

भारतीय निशानेबाज मनु भाकर को दो दिन पहले ही राष्ट्रपति से खेल रत्न पुरस्कार मिला था। लेकिन दो दिन बाद ही उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मनु की दादी और बड़े मामा की रविवार को एक दुर्घटना में मौत हो गई।

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Manish Tilokani
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Olympian Manu Bhakers grandmother, uncle die in Haryana road accident

Olympian Manu Bhakers grandmother, uncle die in Haryana road accident

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

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भारत के लिए पेरिस ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली निशानेबाज मनु भाकर के परिवार में मातम पसर गया है। मनु भाकर की नानी और मामा की एक दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा महेंद्रगढ़ बाइपास रोड पर एक स्कूटी और एक ब्रेजा कार की टक्कर से हुआ। बताया जा रहा है कि टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं इस हादसे के बाद गाड़ी का चालक मौके से फरार हो गया।

दो दिन पहले मिला था राष्ट्रीय पुरस्कार

भारतीय महिला शूटर मनु भाकर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को प्रतिष्ठित मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित  किया था। इसपर मनु भाकर ने कहा था कि यह सम्मान उन्हें भविष्य में देश को गौरवान्वित करने और अधिक जीत हासिल करने का प्रयास करने के लिए प्रेरित करेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों इतना बड़ा सम्मान मिलना उनके जीवन का सबसे बड़ा लम्हा था। मनु पेरिस में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गईं। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में दो कांस्य पदक जीते। मनु को मिले इस सम्मान से उनकी दादी सावित्री देवी भी बहुत खुश थीं।  

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बेहद खुश थी नानी 

पेरिस ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर को खेल रत्न पुरस्कार मिलने पर उनकी नानी ने मीडिया से बात करे हुए कहा था कि, 'वह बहुत अच्छी तरह खेलती है। पूरे भारत में उसका नाम हो गया है। उनके लिए सब रिश्तेदार खुश हैं। मेरी बेटी आगे बढ़े और खूब नाम कमाए। सरकार द्वारा खेल रत्न दिया गया है उससे हम बहुत खुश हैं। मेरे पास आती है तो वह मक्खन और लाल मिर्च की चटनी चाव से खाती हैं। मेरी कोई पोती नहीं हैं उसके दो मामा और दो मामी हैं और उनके बच्चे हैं। हम अपनी बेटी के लिए बहुत खुश हैं।' मगर वो इस खुशी को ज्यादा दिनों तक नहीं मना सकीं और मनु को खेल रत्न मिलने के सिर्फ दो दिन बाद वो चल बसीं। मनु की नानी सावित्री देवी भी खिलाड़ी थीं। सावित्री देवी राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत चुकी थी। 

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