India Vs Australia:विराट कोहली लगातार टेस्ट क्रिकेट में अच्छा खेल पाने में असफल हो रहे हैं। पर्थ में आए एक शतक को छोड़ दें तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी सीरीज में उन्होंने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में अपनी 8 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए विराट ने बस 184 रन बनाए हैं। इससे भी ज्यादा चिंता की बात है विराट कोहली के आउट होने का तरीका। विराट बार-बार ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों पर अपना बल्ला अड़ाकर विकेट गंवा रहे हैं। सिडनी टेस्ट के पहले दिन भी ऐसा ही हुआ। अब तक इसे एरर ऑफ जजमेंट मान रहे कोहली के धुर प्रशंसक भी अब सोच रहे हैं कि उम्र बढ़ने के साथ कहीं कोहली की बैटिंग में यह स्थायी कमजोरी तो नहीं आ गई है। र
नासूर बनी ये कमजोरी
Virat Outside Off Weakness:विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया के इस दौरे में बार-बार ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद का शिकार होते नजर आए हैं। सिडनी टेस्ट में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है। पहली पारी में जब विराट बैटिंग करने उतरे तो सबको उन से बहुत उम्मीदें थीं, मगर हुआ वही जिसका डर था। विराट पांचवें टेस्ट में अपनी 69वीं बॉल को खेलते हुए स्कॉट बोलैंड की गेंद पर स्लिप में ब्यू वेबस्टर को कैच थमा कर चलते बने।
7 में से 6 बार एक ही तरीके से आउट
Border-Gavaskar Trophy: विराट कोहली अब तक बॉर्डर-गावस्कर दौरे पर शुरुआती 4 टेस्ट में 7 बार बल्लेबाजी कर चुके हैं। इसमें से 6 बार वो एक ही तरीके से आउट हुए हैं। विराट हर बार बल्ले का किनारा ऑफ स्टंप की बाहर गेंद पर लगा देते हैं और विकेटकीपर या स्लिप के हाथों में कैच देकर चलते बनते हैं। कभी वह गेंद को रोकने की कोशिश में आउट हुए तो कभी ड्राइव की कोशिश में, पर परेशानी वही ऑफ स्टम्प के बाहर की गेंद।
पहले भी हुई मुश्किल
करीब डेढ़ दशक लंबे करियर में कोहली को दूसरी बार इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 2010-2011 में इंग्लैंड में जेम्स एंडरसन ने उनकी इस कमजोरी का भरपूर फायदा उठाया था। लेकिन 2014-15 के आते-आते कोहली इस कमजोरी से पार पा चुके थे। 2014 के इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने खूब रन बनाए थे। लेकिन अब हालात अलग हैं। विराट अब 36 साल के हो चुके हैं। भारतीय टीम में सीनियर्स की भूमिका पर पहले से ही सवाल उठ रहे हैं। हालत यह है कि कप्तान रोहित शर्मा को खराब फॉर्म की वजह से पांचवें टेस्ट से खुद को अलग करना पड़ा। ऐसे में कोहली के पास भी समय ज्यादा नहीं है। समय रहते उन्होंने अपनी इस कमजोरी को दूर नहीं किया तो उनका करियर भी अधर में पड़ सकता है।