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work from home job का लालच दे ठगे 17.5 लाख, दिल्ली पुलिस ने 4 जालसाजों को किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट साइबर थाना टीम ने वर्क-फ्रॉम-होम जॉब घोटाले का पर्दाफाश करते हुए चार ठगों को गिरफ्तार किया है। टेलीग्राम और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को वेबसाइट रिव्यू के नाम पर 50 रुपये प्रति रिव्यू का लालच दिया गया।

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Ranjana Sharma
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नई दिल्ली,आईएएनएस: दिल्ली पुलिस की साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट साइबर थाना टीम ने वर्क-फ्रॉम-होम जॉब घोटाले का पर्दाफाश करते हुए चार ठगों को गिरफ्तार किया है। इन ठगों ने टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए लोगों को झूठे ऑनलाइन जॉब का लालच देकर ठगा और ठगी के पैसों को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर बैंकों और पुलिस को गुमराह किया। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 4 मोबाइल फोन और 4 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।  इस घोटाले में एक शिकायतकर्ता से 17.49 लाख रुपये की ठगी की गई। 27 मई 2025 को वसंत कुंज के एक निवासी ने एनसीआरपी पोर्टल पर शिकायत दर्ज की।

50 रुपये प्रति रिव्यू का लालच दिया 

शिकायतकर्ता ने बताया कि 23 मई 2025 को एक टेलीग्राम आईडी के जरिए उनसे संपर्क किया गया और वेबसाइट रिव्यू करने के लिए 50 रुपये प्रति रिव्यू का लालच दिया गया। कुछ छोटे कार्यों के बाद, ठगों ने उन्हें बिटकॉइन की खरीद-बिक्री जैसे प्री-पेड टास्क करने को कहा और स्क्रीनशॉट भेजने को बोला। शुरुआत में शिकायतकर्ता ने छोटी राशि निवेश की, लेकिन बाद में जालसाजों ने विभिन्न तरीकों से और पैसे जमा करने का दबाव बनाया, यह कहकर कि इससे उनकी कथित कमाई निकाली जा सकेगी। इस तरह शिकायतकर्ता से कुल 17.49 लाख रुपये ठग लिए गए।

तकनीकी सुरागों के आधार पर जांच की

शिकायत के बाद साइबर थाने में एफआईआर नंबर 40/25 दर्ज की गई और जांच शुरू हुई। मामले की गंभीरता को देखते हुए इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई, जिसमें सब-इंस्पेक्टर ओपेंद्र, डब्ल्यू/एसआई प्रियंका, एचसी अशोक, जयप्रकाश, बाबूलाल और सीटी जीतराम शामिल थे। इसकी निगरानी एसीपी ऑपरेशंस विजय कुमार ने की। टीम ने पैसे के लेन-देन और तकनीकी सुरागों के आधार पर जांच की। जांच में पता चला कि ठगी की राशि में से 5 लाख रुपये शिकायतकर्ता के खाते से कोटक महिंद्रा बैंक के एक खाते में ट्रांसफर हुए, जो अंकुर मिश्रा के नाम पर था। सीसीटीवी फुटेज में अंकुर मिश्रा दो अन्य आरोपियों के साथ चेक से पैसे निकालते दिखा।

आगरा से था संचालित 

एक अन्य खाते की जांच से पता चला कि यह आगरा से संचालित था, लेकिन खाताधारक मध्य प्रदेश का था। तकनीकी विश्लेषण के बाद पता चला कि यह गिरोह लखनऊ, शिवपुरी और आगरा से संचालित था। इसके बाद लखनऊ, भोपाल, शिवपुरी और आगरा में छापेमारी कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपी में सियापुरा, यूपी के अंकुर मिश्रा (22), राजगढ़, एमपी के क्रतार्थ (21), भोपाल, एमपी के विश्वास शर्मा (32), शिवपुरी, एमपी के केतन मिश्रा (18) का नाम शामिल हैं। साइबर ठगों के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4)/61(2)/3(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।

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