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तेलंगाना के mental hospital में 70 मरीज बीमार, एक की मौत, फूड पॉयजनिंग की आशंका

तेलंगाना के एर्रागड्डा स्थित सरकारी मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल (IHM) में फूड पॉयजनिंग की आशंका के चलते 70 मरीज अचानक बीमार हो गए। सभी मरीजों को उल्टी और डायरिया की शिकायत हुई। अस्पताल में इलाज के दौरान एक मरीज की मौत हो गई।

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Ranjana Sharma
Aishwarya Rai (46)
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हैदराबाद, वाईबीएन डेस्‍क: तेलंगाना सरकार द्वारा संचालित एर्रागड्डा स्थित मानसिक स्वास्थ्य संस्थान (IHM) में मंगलवार को बड़ा हादसा सामने आया। जब 70 मरीजों की तबीयत अचानक खराब हो गई। सभी मरीजों को उल्टी और डायरिया की शिकायतें होने लगीं। मेडिकल टीम ने तुरंत सभी मरीजों का इलाज शुरू किया, लेकिन दुर्भाग्यवश, एक मरीज की हालत अत्यधिक गंभीर हो गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में इस घटना की वजह फूड पॉयजनिंग बताई जा रही है।
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मरीजों ने बार उल्टी, पेट में दर्द और डायरिया की शिकायत

अस्पताल प्रशासन के अनुसार, सभी मरीजों को एक जैसे लक्षण दिखाई दिए—बार-बार उल्टी, पेट में दर्द और डायरिया की शिकायत। हालत बिगड़ने पर मरीजों को अस्पताल में तुरंत अलग-अलग वार्डों में भर्ती किया गया। मृत मरीज को बचाने के लिए डॉक्टरों ने CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) देने की भी कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। घटना की जानकारी मिलते ही हैदराबाद के जिला कलेक्टर अनुराग दयाल दुरशेट्टी स्वयं अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों और डॉक्टरों से घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी ली और मरीजों की देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मरीजों का परीक्षण और इलाज शुरू किया

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तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री ने भी इस गंभीर स्थिति को देखते हुए तत्परता दिखाई और तुरंत उस्मानिया अस्पताल से एक विशेष मेडिकल टीम को IHM भेजा गया। इस टीम ने मौके पर पहुंचकर मरीजों का परीक्षण और इलाज शुरू किया। राहत की बात यह है कि 70 में से 68 मरीजों की हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। हालांकि, 2 मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए उस्मानिया अस्पताल रेफर कर दिया गया है। घटना के बाद अस्पताल परिसर और उसके आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया है। मरीजों के परिजन और स्थानीय लोग अस्पताल के बाहर इकट्ठा हो गए, जिससे वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कई लोगों ने अस्पताल में सफाई व्यवस्था और भोजन की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े किए हैं।

लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी

सरकारी स्तर पर जांच एजेंसियों को तुरंत सक्रिय किया गया है। स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। उन्होंने अस्पताल में परोसे गए खाने और पानी के सैंपल एकत्र कर लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि फूड पॉयजनिंग की वास्तविक वजह क्या थी। जांच पूरी होने के बाद ही कारणों की आधिकारिक पुष्टि हो सकेगी। अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि अगर भोजन या पानी की गुणवत्ता में कोई लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित ठेकेदारों और जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पूरे अस्पताल परिसर की सफाई व्यवस्था और खाने की आपूर्ति से जुड़ी प्रक्रियाओं की दोबारा समीक्षा की जाएगी। इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य जैसी संवेदनशील सेवाओं की निगरानी और प्रशासनिक जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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