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बेंगलुरू, वाईबीएन नेटवर्क
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार,10 फरवरी को उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए 250 से अधिक समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। सिंह ने यह बयान एरो इंडिया 2025 में सीईओ राउंडटेबल सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने कहा, "हमने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना की है और अब तक इन दो गलियारों में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए 250 से अधिक MoUs पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।"
Had a very lively and enriching interaction with the aerospace and defence industry leaders at the CEOs Roundtable on the sidelines of Aero India in Bengaluru.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 10, 2025
Exhorted the global OEMs to use the opportunities offered by the Indian defence ecosystem to find solutions to today’s… pic.twitter.com/IPNQ4tH1Ui
विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की दिशा में कदम
रक्षा मंत्री ने विदेशी रक्षा उत्पादकों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने उन कंपनियों के लिए 75 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की अनुमति दी है जो ऑटोमेटिक रूट के जरिए रक्षा लाइसेंस प्राप्त करना चाहती हैं, जबकि सरकार की मंजूरी के तहत 100 प्रतिशत FDI की अनुमति होगी। सिंह ने यह भी बताया कि अब तक 46 संयुक्त उपक्रमों और कंपनियों को रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश की मंजूरी दी गई है।
Attended the Inaugural Ceremony of #AeroIndia2025 in Bengaluru today.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 10, 2025
Aero India 2025, a confluence of critical & frontier technologies, will provide a platform to further strengthen relations among like-minded countries based on mutual respect, mutual interest and mutual… pic.twitter.com/gyyThatAx9
रक्षा प्रौद्योगिकी में बदलाव पर जोर
रक्षा मंत्री ने कहा कि युद्ध की प्रकृति तेजी से बदल रही है और हमें निरंतर समाधान अपनाने और सुधारने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि हालिया संघर्षों में ड्रोन के उपयोग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य मानव, अविनाशी और स्वायत्त युद्ध प्रणालियों के समन्वित प्रयासों पर निर्भर होगा। "पहले जो शुद्ध हार्डवेयर आधारित प्रणालियों पर निर्भरता थी, वह अब सॉफ़्टवेयर आधारित प्रणालियों से बदल रही है। वर्तमान में, सैन्य संचालन में संचार और डेटा-साझाकरण की प्रकृति बहुत अधिक जटिल हो गई है।
प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व में रक्षा निर्माण को मजबूती
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले कुछ वर्षों में घरेलू रक्षा निर्माण को मजबूत करने के लिए कई पहल की गई हैं। उन्होंने एरो इंडिया के इस मंच को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए विभिन्न पहलों पर विचार-विमर्श करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि रक्षा क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाने के लिए रक्षा एक्सिम पोर्टल ने निर्यात अनुमति प्रक्रिया को सुगम बना दिया है। उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में, भारत के रक्षा उत्पादों के निर्यात में 31 गुना वृद्धि हुई है, जो वित्तीय वर्ष 2013-14 से तुलना करने पर स्पष्ट है।
एरो इंडिया 2025 का उद्घाटन
रक्षा मंत्री ने एरो इंडिया 2025 का उद्घाटन करते हुए इसे भारत की शक्ति और दृढ़ता को प्रदर्शित करने वाला एक महत्वपूर्ण मंच बताया। उन्होंने इसे महाकुंभ के समान बताते हुए कहा कि एरो इंडिया भी भारत की ताकत को दिखाने वाला एक महाकुंभ है। "प्रयागराज का महाकुंभ आत्म-सम्मान का है, जबकि एरो इंडिया का महाकुंभ शोध और शक्ति का है," उन्होंने कहा। रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि शांति कभी भी एक "कमजोर राज्य" में नहीं प्राप्त की जा सकती, और केवल तभी भारत एक मजबूत सुरक्षा स्थिति में होकर बेहतर विश्व व्यवस्था की दिशा में काम कर सकता है।
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