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शर्मनाक: Bihar के पूर्णिया में भीड़ ने 'डायन' बताकर एक ही परिवार के पांच लोगों की ली जान, जिंदा जलाया

बिहार के पूर्णिया ज़िले के टेटगमा गांव में अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पाँच लोगों की पीट-पीटकर और जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई। ग्रामीणों ने इन पर "डायन" होने का आरोप लगाया था।

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Ranjana Sharma
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बिहार, वाईबीएन डेस्क:बिहार के पूर्णिया जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पांच सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह वारदात मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रजीगंज पंचायत स्थित टेटगमा गांव में हुई है।

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पहले जमकर पीटा फिर जिंदा जलाया

प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 250 ग्रामीणों की भीड़ ने डायन होने के आरोप में बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी सीता देवी, मां कातो मसोमात, बेटा मनजीत उरांव और बहू रानी देवी को घर से जबरन बाहर निकालकर तालाब के पास ले गए। पहले सभी को बुरी तरह पीटा गया, फिर पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला दिया गया। इसके बाद आरोपियों ने शवों को ठिकाने लगा दिया।

दो लोगों को लिया हिरासत में 

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घटना की सूचना मिलते ही पूर्णिया की एसपी स्वीटी सहरावत, एएसपी आलोक कुमार समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। एफएसएल और डॉग स्क्वॉड की टीम को भी जांच में लगाया गया है। पुलिस ने इस मामले में झाड़फूंक करने वाले तांत्रिक नकुल उरांव समेत दो लोगों को हिरासत में लिया है। परिवार के एक सदस्य और प्रत्यक्षदर्शी सोनू और ललित ने बताया कि देर रात भीड़ ने उनके परिजनों को घर से खींचकर बाहर निकाला और डायन के आरोप में उन्हें पीट-पीटकर जला डाला। 

पूरे गांव ने मिलकर ली जान 

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि गांव के ही रामदेव उरांव के बेटे की मौत और उसके भतीजे की बीमारी को तांत्रिक नकुल उरांव ने सीता देवी और कातो मसोमात की ‘डायन विद्या’ का असर बताया था। इसके बाद पूरे गांव ने उन पर हमला बोल दिया। फिलहाल घटनास्थल से कुछ जले हुए कपड़े और जलने के निशान बरामद किए गए हैं। पुलिस अभी शवों की तलाश में जुटी हुई है। हालांकि अभी तक कोई पुलिस अधिकारी कैमरे पर इस मामले में बयान नहीं दे रहा है।

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इलाके में फैली सनसनी 

इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत और सनसनी फैल गई है। स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी भीड़ किस तरह इस कदर बर्बरता कर सकी और समय रहते कोई रोकथाम क्यों नहीं हुई। पुलिस ने अंधविश्वास फैलाने वालों और मुख्य आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का

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