जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष हिंदू पर्यटकों की हत्या के बाद अब केंद्र सरकार पूरी तरह सख्ती के मूड में है। भारत सरकार ने आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले पाकिस्तान को सीधा जवाब देने की नीति अपनाई है — और इसका असर अब राज्यों में भी दिखने लगा है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए जाने का आदेश राज्य में पूरी सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो पाकिस्तानी नागरिक बिहार में रह रहे हैं, उनकी पहचान की जा चुकी है। उन्हें 48 घंटे में भारत छोड़ना होगा — यह डेडलाइन 27 अप्रैल को खत्म हो रही है।
"कानून से नहीं बचेंगे": डिपोर्टेशन की चेतावनी
सम्राट चौधरी ने दो टूक कहा कि अब कोई पाकिस्तानी नागरिक अगर बिहार में पाया गया, तो उसे न सिर्फ डिपोर्ट किया जाएगा बल्कि कानूनी कार्रवाई भी झेलनी पड़ेगी। वीजा रद्द हो चुका है, रहने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
"राजनीति नहीं, एकजुटता चाहिए"
उपमुख्यमंत्री ने इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति से बचने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि यह भारत की आत्मा पर हमला है, और इस दुख के समय में राजनीति नहीं, देश की एकजुटता ज़रूरी है। सम्राट चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी के मधुबनी दौरे के वक्त दिए गए बयान को याद दिलाते हुए कहा, "बिहार की धरती से प्रधानमंत्री ने आतंक के आकाओं को मिटाने का संकल्प लिया है। पाकिस्तान यदि टकराव की राह पर है और शिमला समझौते को रद्द कर रहा है, तो अब भारत उसकी सीमा में घुसकर बदला लेगा।"
"अब हर कदम कड़ा होगा"
पाकिस्तान को लेकर केंद्र ने केवल वीजा रद्द नहीं किए, बल्कि सिंधु जल समझौता भी खत्म करने की घोषणा की है — यानी भारत अब हर उस माध्यम को रोकने जा रहा है जिससे पाकिस्तान को सहयोग या राहत मिलती थी।