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AIIMS Patna के छात्र यजुवेंद्र साहू की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत अब एक बड़ा सवाल बनकर उभर रही है। एम्स पटना के हॉस्टल नंबर 10 के कमरे में 19 जुलाई को उनका शव संदिग्ध अवस्था में मिला था। शुरुआत में इसे आत्महत्या बताया गया, लेकिन अब इस पूरे मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। परिवार का कहना है कि यह सिर्फ आत्महत्या नहीं बल्कि गहरी साजिश है, जिसमें यजुवेंद्र को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और मजबूरन यह कदम उठाने के लिए उकसाया गया।
यजुवेंद्र साहू के छोटे भाई ने मीडिया को दिए बयान में साफ कहा कि उन्हें यकीन है कि उनके भाई की हत्या की गई है। उन्होंने उस वीडियो का भी जिक्र किया जिसमें शव को कमरे से निकाला जा रहा है। उनका दावा है कि वह वीडियो खुद आत्महत्या के दावे को खारिज करता है। उन्होंने मांग की कि मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और अगर ज़रूरत हो तो CBI को भी इसकी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
परिजनों की इस मांग और संदेह के बीच पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। फुलवारीशरीफ थाने में अज्ञात के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने की धारा में एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही इस पूरे मामले की जांच अब फॉरेंसिक रिपोर्ट, गवाहों के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी।
पोस्टमार्टम की प्रक्रिया भी सामान्य नहीं रही। यजुवेंद्र का शव पटना मेडिकल कॉलेज (PMCH) में मजिस्ट्रेट की निगरानी में और पूरी वीडियोग्राफी के साथ पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था। इसका सीधा संकेत है कि परिजन एम्स के शुरुआती रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर पा रहे थे।
इस बीच, AIIMS पटना के जूनियर रेजिडेंट्स एसोसिएशन ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखा है, जिसमें निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।