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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीमांचल की राजनीति में नई हलचल देखने को मिल रही है। AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी किशनगंज पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक की और सीमांचल न्याय यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया। यह यात्रा बुधवार से औपचारिक रूप से शुरू होगी और 27 सितंबर तक चलेगी।
ओवैसी की न्याय यात्रा का आगाज़ किशनगंज के रुईधासा मैदान से होगा। रोड शो पश्चिमपाली, बेलवा हाट, पोठिया, दामलबाड़ी, तैयबपुर, ठाकुरगंज, बहादुरगंज और कोचाधामन होते हुए वापस किशनगंज लौटेगा। इस यात्रा का उद्देश्य न केवल AIMIM के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना है, बल्कि सीमांचल की जनता के बीच राजनीतिक संदेश देना भी है।
यात्रा के दौरान AIMIM का फोकस सीमांचल की उपेक्षा और क्षेत्रीय असमानताओं पर रहेगा। ओवैसी की रणनीति है कि सीमांचल के मुस्लिम और पिछड़े वर्ग के वोट बैंक को साधा जाए, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में AIMIM अपनी पकड़ को मजबूत कर सके। प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा है कि इस यात्रा के दौरान कई स्थानीय नेता AIMIM से जुड़ सकते हैं, जिससे संगठन की शक्ति और बढ़ेगी।
सीमांचल न्याय यात्रा का सीधा असर बिहार की चुनावी राजनीति पर पड़ेगा। जहां एक ओर राजद और कांग्रेस मुस्लिम वोट बैंक को अपने परंपरागत समर्थन के रूप में देखती हैं, वहीं ओवैसी का बढ़ता प्रभाव महागठबंधन की रणनीति को चुनौती दे सकता है। 2020 के चुनाव में AIMIM को सीमांचल से पांच सीटें मिली थीं, हालांकि बाद में चार विधायक अलग होकर महागठबंधन में शामिल हो गए। इस बार ओवैसी पूरे दमखम के साथ मैदान में उतर रहे हैं और न्याय यात्रा उसी तैयारी का हिस्सा मानी जा रही है।
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