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बिहार के भोजपुर जिले में अपराधियों ने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए WhatsApp के जरिए अवैध हथियारों की तस्करी शुरू कर दी थी। लेकिन STF और जिला पुलिस की चौकस निगरानी के चलते यह हाईटेक हथियार तस्करी रैकेट उजागर हो गया। इस कार्रवाई में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें दो नाबालिग लड़के भी शामिल हैं।
STF और भोजपुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
पटना से आई एसटीएफ टीम और भोजपुर पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर टाउन थाना क्षेत्र के मझौंवा बांध और एमपी बाग इलाके से गिरफ्तारियां की। गिरफ्तार लोगों में श्रवण यादव (संदियां गांव), और दो नाबालिग शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से 7.65 MM की देसी पिस्टल, 5 कारतूस और मोबाइल फोन बरामद किया है।
WhatsApp बना हथियार डीलिंग का नया ज़रिया
पुलिस को जब श्रवण यादव का मोबाइल खंगाला गया तो WhatsApp पर हथियारों की फोटो, रेट और ऑडियो चैट मिले। इससे यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी फोटो भेजकर हथियारों की ऑनलाइन डीलिंग करते थे। एक तरह से यह डार्क वेब जैसा नेटवर्क लोकल लेवल पर बन चुका था।
नाबालिग तस्करों का नेटवर्क चौकाने वाला
आश्चर्य की बात यह है कि इस पूरे नेटवर्क में 16 साल तक के लड़के शामिल हैं, जो तकनीक का इस्तेमाल कर तस्करी में लिप्त थे। पुलिस ने बताया कि ये बच्चे MP बाग इलाके के और लड़कों के साथ मिलकर WhatsApp पर हथियारों की खरीद-बिक्री करते थे।
कैसे चलता था कारोबार?
पहले हथियार की फोटो भेजी जाती थी।
फिर रेट डिस्कस होता था।
ग्राहक की सहमति पर तय स्थान पर डिलीवरी होती थी।
रेगुलर रायफल के साथ एक और गिरफ्तारी
सिर्फ WhatsApp रैकेट ही नहीं, बल्कि बलबतरा मोहल्ला में भी छापेमारी की गई जहां पप्पू कुमार को एक रेगुलर रायफल और दो कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया। उसके पास लाइसेंस नहीं मिला, जिससे पुलिस इसे चोरी या अवैध हथियार मान रही है। पुलिस ने इस मामले में आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ जारी है, जबकि दो और संदिग्धों की तलाश की जा रही है।
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