बिहार के पंचायती राज मंत्री अशोक चौधरी ने राजनीतिक रणनीतिकार व जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर के खिलाफ मंगलवार को मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। यह कार्रवाई किशोर द्वारा चौधरी की बेटी व जमुई सांसद शांभवी चौधरी के टिकट को लेकर लगाए गए आरोपों के जवाब में की गई है।
क्या है पूरा विवाद?
प्रशांत किशोर ने हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि अशोक चौधरी ने चिराग पासवान की लोजपा को पैसे देकर अपनी बेटी को जमुई से टिकट दिलवाया। इस पर चौधरी ने किशोर को लीगल नोटिस भेजकर सबूत पेश करने या माफी मांगने को कहा था। चौधरी का दावा है कि किशोर का जवाब "असंतोषजनक" रहा, जिसके बाद उन्होंने पटना के कोर्ट में केस दायर किया।
"दलित की बेटी के सफलता को बर्दाश्त नहीं"
मीडिया से बात करते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर जैसे लोग राजनीति को व्यवसाय समझते हैं। हम वैचारिक राजनीति करते हैं। कुछ लोगों को स्वीकार नहीं कि एक दलित की बेटी 25 साल की उम्र में सांसद बन गई। हमारे माता-पिता ने हमें समाज की आवाज बनने के लिए पढ़ाया, न कि सिर्फ एमपी-एमएलए बनने के लिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आवश्यकता पड़ी तो वे इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।
प्रशांत किशोर का जवाब: "हम किसी से नहीं डरते"
इस मामले पर प्रशांत किशोर ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि हम किसी FIR या मुकदमे से डरने वाले नहीं हैं। जो सच है, वही कहेंगे। हम तो एक सिपाही भी साथ लेकर नहीं चलते।