बिहार की राजधानी पटना से सटे फुलवारीशरीफ के ग्यास नगर में शनिवार को उस समय हलचल मच गई जब एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) की टीम ने एक इंटर के छात्र के घर पर छापा मारा। संदिग्ध डिजिटल लेनदेन और प्रतिबंधित संगठन को आर्थिक सहायता भेजने के इनपुट पर यह कार्रवाई की गई।
करीब आठ गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंची ATS टीम ने छात्र को हिरासत में लेकर थाने ले जाया, जहां देर रात तक उससे पूछताछ जारी रही। साथ ही उसके मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरणों को खंगाला गया। छात्र के पिता से भी विस्तृत पूछताछ की गई।
फिलीस्तीन से मिला कनेक्शन!
मिली जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई गाजियाबाद में पकड़े गए दो व्यक्तियों—शमी और खालिद—से मिली सूचना के आधार पर की गई। बताया जा रहा है कि छात्र के पास एक ऐसा क्यूआर कोड मिला, जिसके जरिये करीब 7,500 रुपये भेजे गए। ये पैसे फिलिस्तीन से जुड़ी एक संस्था तक पहुंचे, जिस पर प्रतिबंध है। इसके अलावा, "ग्रीन ब्रीड" नामक फेसबुक ग्रुप भी ATS के रडार पर है, जिसमें कई युवा जुड़े हुए हैं और जिसका प्रोफाइल फिलिस्तीन से जुड़ी तस्वीरों से सुसज्जित है।
छात्र का परिवार इस कार्रवाई से स्तब्ध है। पिता ने बताया कि उनका बेटा पढ़ाई में अच्छा है, उसने अभी इंटर की परीक्षा दी थी और अलीगढ़ में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा देने वाला था। वो पढ़ाई के लिए ही मोबाइल मांगता था, न ही कहीं बाहर जाता था।
बिहार पुलिस और स्थानीय प्रशासन इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। हालांकि, ATS की छानबीन से यह साफ है कि सोशल मीडिया और डिजिटल लेन-देन के ज़रिये कट्टरपंथी विचारों की पैठ बढ़ती जा रही है, जिसे लेकर अब एजेंसियां सख्त नजर आ रही हैं।