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Bihar Politics: अनंत सिंह-अशोक चौधरी की 'भैंस वाली' मुलाकात, चुनावी समीकरणों पर चाय-चर्चा

बिहार चुनाव की गहमागहमी के बीच पूर्व विधायक अनंत सिंह और मंत्री अशोक चौधरी की अनोखी मुलाकात। तबेले में भैंसें दिखाईं, चाय पर हुई सियासी चर्चा। जानें पूरा मामला।

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YBN Bihar Desk
Anant Singh Ashok Chaudhary
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पटना , वाईबीएन डेस्क ।   बिहार की राजनीति में इन दिनों जोरदार हलचल देखने को मिल रही है। विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गलियारों में हो रही मुलाकातें और चर्चाएं अक्सर सुर्खियां बटोरती हैं। लेकिन मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह और नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के बीच हुई एक अनोखी मुलाकात ने सभी का ध्यान खींचा है। यह मुलाकात किसी सियासी दफ्तर या होटल में नहीं, बल्कि अनंत सिंह के तबेले में हुई, जहां दोनों नेताओं ने भैंसों को देखने के साथ-साथ चाय पर गर्मागर्म चर्चा भी की।

तबेले में हुई मुलाकात, भैंसों पर हाथ फेरते नजर आए अशोक चौधरी

सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि अनंत सिंह अशोक चौधरी को अपने तबेले में ले गए, जहां कई भैंसें मौजूद थीं। चौधरी ने एक भैंस की पीठ पर हाथ फेरते हुए और उसके बछड़े को देखते हुए तस्वीरें खिंचवाईं। इसके बाद दोनों नेताओं ने चाय पीते हुए लंबी बातचीत की। हालांकि, इस बातचीत के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, चर्चा का विषय आगामी विधानसभा चुनाव और मोकामा सीट पर टिकट की दावेदारी रही होगी।

"हमारा 1990 से है नाता," अशोक चौधरी ने बताया अनंत सिंह से रिश्ते का राज

मीडिया से बात करते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि अनंत सिंह उनके पुराने मित्र हैं और 1990 से ही दोनों के बीच अच्छे संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हम पहली बार चुनाव लड़ रहे थे, तब अनंत सिंह ने हमारा समर्थन किया था। उनके साथ हमारा व्यक्तिगत रिश्ता है, जो त्योहारों और मौकों पर मिलने-जुलने से बना रहता है।

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चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि अनंत मोकामा सीट से जदयू के मजबूत दावेदार हैं और अगर उन्हें टिकट मिलता है, तो पार्टी के लिए जीत आसान होगी। उन्होंने राजद के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अनंत के बारे में जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे पुराने हैं। उनके व्यवहार में बदलाव आया है और हम उनके साथ अपने भाईचारे के रिश्ते को निभा रहे हैं।

अनंत सिंह, जो हाल ही में जेल से रिहा हुए हैं, ने साफ कर दिया है कि वह इस बार मोकामा सीट से चुनाव लड़ेंगे। उनकी पत्नी नीलम देवी, जो वर्तमान में राजद की विधायक हैं, अब चुनाव नहीं लड़ेंगी। यह घोषणा बिहार की सियासत में नए समीकरणों का संकेत देती है, क्योंकि नीलम देवी ने 2022 के उपचुनाव में राजद के टिकट पर जीत हासिल की थी।

नीतीश कुमार की रणनीति में कहां फिट होते हैं अनंत सिंह?

अशोक चौधरी की यह मुलाकात नीतीश कुमार की उस रणनीति का हिस्सा हो सकती है, जिसमें वह सभी संभावित विजयी उम्मीदवारों को एनडीए में शामिल करना चाहते हैं। अनंत सिंह का मोकामा में मजबूत प्रभाव है, और अगर जदयू उन्हें टिकट देती है, तो यह पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

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