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पटना , वाईबीएन डेस्क ।बिहार की राजनीति में एक बड़ी घटना में अरवल के भाकपा माले विधायक महानंद सिंह को जहानाबाद की एक अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह मामला 24 साल पुराना है और इसमें विधायक पर सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप लगे हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद अदालत परिसर में हड़कंप मच गया, जबकि विधायक की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों में निराशा छा गई।
भगोड़ा घोषित थे महानंद सिंह
आपको बता दें कि महानंद सिंह को पहले ही भगोड़ा घोषित किया जा चुका था और उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था। जहानाबाद थाना कांड संख्या 67/2001 में उन्हें नामजद आरोपी बनाया गया था, लेकिन वे लंबे समय से अदालत में पेश नहीं हुए थे। सोमवार को जब वे कोर्ट में उपस्थित हुए, तो एसडीजेएम मनीष कुमार ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश सुना दिया।
दीपांकर भट्टाचार्य से जुड़ा है मामला?
इस मामले में एक दिलचस्प पहलू यह है कि महानंद सिंह भाकपा माले के वरिष्ठ नेता दीपांकर भट्टाचार्य के साथ जुड़े हुए हैं। पार्टी ने भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के विरोध में पूरे बिहार में चक्का जाम का आह्वान किया था, जिसमें महानंद सिंह भी शामिल हुए थे। 2001 में ही पुलिस ने उन पर सरकारी काम में अड़चन डालने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया था।
अब इस मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होनी है। विधायक की ओर से बेल याचिका दायर की जा सकती है, लेकिन अगर कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया तो उन्हें लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है। उनके वकीलों का कहना है कि वे कानूनी प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं, लेकिन अदालत के सख्त रुख ने सभी को हैरान कर दिया है।
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