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बिहार बंद: राहुल गांधी के मंच से पीएम मोदी की मां पर टिप्पणी के विरोध में भाजपा का प्रदर्शन, मोदी बोले– मां का स्थान देवताओं से भी ऊपर

राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान पीएम मोदी की मां पर की गई टिप्पणी को लेकर भाजपा ने 4 सितम्बर को बिहार बंद बुलाया है।

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YBN Bihar Desk
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Bihar जीविका योजना का उद्घाटन: बोले PM मोदी— राजद और कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं... | यंग भारत न्यूज

Bihar जीविका योजना का उद्घाटन: बोले PM मोदी— राजद और कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं... | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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बिहार की राजनीति गरमाने वाली है। भाजपा ने 4 सितम्बर को बिहार बंद का आह्वान किया है। कारण है वह विवादित टिप्पणी, जो कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां के लिए की गई। भाजपा का आरोप है कि विपक्षी मंच से पीएम की मां को गाली दी गई और यह सिर्फ एक महिला का नहीं बल्कि पूरे देश की मातृशक्ति का अपमान है।

विपक्ष के खिलाफ भाजपा का बड़ा आंदोलन

पहले यह बंद 3 सितम्बर को प्रस्तावित था लेकिन भाजपा नेताओं की दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बैठक तय होने के कारण तिथि बदलकर 4 सितम्बर कर दी गई। भाजपा ने कहा कि यह बंद विपक्ष की असंसदीय भाषा और असभ्य राजनीति के खिलाफ जनता की आवाज़ बनेगा।

पीएम मोदी हुए भावुक

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पहली बार इस विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी। बिहार की सभा में उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि बिहार में RJD-कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं। ये अपमान सिर्फ मेरी मां का नहीं बल्कि देश की हर मां, बहन और बेटी का अपमान है। मुझे पता है कि इस अपमान से बिहार की जनता भी उतनी ही पीड़ा महसूस कर रही है जितनी मेरे दिल में है।

मोदी ने अपने संबोधन में मां की भूमिका को याद करते हुए कहा कि उन्होंने जीवन भर देश की सेवा को ही अपना धर्म माना। मुझे मां भारती की सेवा करनी थी, इसलिए मेरी मां ने मुझे अपने दायित्वों से मुक्त कर दिया। आज जिस मां ने मुझे आशीर्वाद देकर देशसेवा की राह पर भेजा, उसी मां को राजनीति से जुड़े लोगों ने अपमानित किया।

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प्रधानमंत्री ने बिहार की परंपरा और संस्कृति का हवाला देते हुए कहा कि हर बिहारी के संस्कार में मां को सबसे ऊपर माना जाता है। “माई के स्थान देवता-पीतर से भी ऊपर होला।” उन्होंने यह भी कहा कि गरीब मां की तपस्या से ही संस्कार और शिक्षा की नींव रखी जाती है और उस तपस्या का अपमान कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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