बिहार सरकार ने जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक सरल व पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में "बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) नियमावली, 2025" को मंजूरी दे दी गई है। इसके तहत अब पंचायत स्तर पर ही जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे, जिससे आम लोगों को काफी सुविधा होगी।
क्या है नया नियम?
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जन्म प्रमाण पत्र: जन्म के 30 दिनों के भीतर आवेदन करने पर पंचायत सचिव के स्तर से प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
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मृत्यु प्रमाण पत्र: मृत्यु के 21 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा और प्रमाण पत्र पंचायत सचिव या नगर निगम कार्यालय से जारी होगा।
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विलंबित आवेदन: यदि जन्म के एक महीने से एक साल के बीच आवेदन किया जाता है, तो प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी की अनुशंसा पर प्रमाण पत्र जारी होगा।
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एक साल बाद आवेदन: जन्म के एक साल से अधिक समय बाद प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बीडीओ (Block Development Officer) के पास आवेदन करना होगा।
नए नियम के फायदे
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ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधा: अब दूरदराज के गाँवों के लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए प्रखंड या जिला मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा।
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डिजिटल प्रक्रिया: पंजीकरण प्रक्रिया को ऑनलाइन व अधिक पारदर्शी बनाया गया है।
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तेज सेवा: नए नियमों से प्रशासनिक देरी कम होगी और प्रमाण पत्र शीघ्रता से मिलेंगे।
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कानूनी अनुपालन: मृत्यु का 21 दिनों के भीतर पंजीकरण अनिवार्य करने से अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी।