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बिहार चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक ने राज्य के विकास एजेंडे को एक नई दिशा दी है। पटना स्थित सचिवालय में हुई इस बैठक में पुराने और नए मंत्रियों की मौजूदगी के बीच कुल 10 प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी मिली। बैठक से साफ हो गया कि नई सरकार औद्योगिकरण, टेक्नोलॉजी आधारित रोजगार और स्मार्ट शहरी विकास पर बड़ा दांव लगाने वाली है।
बैठक के बाद मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि बिहार में औद्योगिक ढांचे को दोबारा खड़ा करने की रणनीति के तहत 25 नई चीनी मिलों को स्थापित करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल नौ शुगर मिलें बंद पड़ी हैं और राज्य सरकार अब गन्ना उद्योग को फिर से राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएगी। यह फैसला ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देने के साथ लाखों किसानों के लिए स्थायी आय के अवसर खोलेगा।
मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि बिहार में 11 नई टाउनशिप विकसित की जाएंगी। इनमें नौ प्रमंडलीय मुख्यालयों के अलावा सीतामढ़ी और सोनपुर को शामिल किया गया है। सरकार का मानना है कि इन नए शहरी केंद्रों से जनसंख्या के दबाव का संतुलित वितरण होगा और रोजगार आधारित शहरी मॉडल विकसित होगा।
बिहार को आधुनिक तकनीक और डिजिटल अर्थव्यवस्था का हब बनाने के लक्ष्य से कैबिनेट ने एक व्यापक टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम के निर्माण को भी मंजूरी दी। इसके तहत राज्य में डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, मेगा टेक सिटी और फिनटेक सिटी स्थापित की जाएंगी। इन परियोजनाओं पर प्रभावी प्रगति सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे। समिति छह महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
कैबिनेट ने बिहार को ‘ग्लोबल वर्क प्लेस’ के रूप में स्थापित करने के लिए भी व्यापक योजना पर मुहर लगाई। सरकार राज्य को प्रौद्योगिकी और सेवा आधारित नवाचारों की नई अर्थव्यवस्था के अनुरूप विकसित करना चाहती है। इसके लिए बिहार से जुड़े अग्रणी उद्यमियों से सुझाव लिए जाएंगे और उनके आधार पर नीतियों का नया ढांचा खड़ा किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे युवाओं को वैश्विक स्तर के रोजगार और कौशल के अवसर मिलेंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बिहार को अग्रणी बनाने के लिए ‘बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन’ की स्थापना को भी मंजूरी दी गई। यह मिशन राज्य के प्रतिभाशाली युवाओं, स्टार्टअप्स और टेक कंपनियों को एक मंच देगा, जहां वे नई तकनीकी पहल कर सकें। सरकार उम्मीद कर रही है कि यह मिशन डिजिटल बिहार के विजन में अहम भूमिका निभाएगा।
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