/young-bharat-news/media/media_files/2025/05/16/LQ03bmd7Q9itDid8sbxA.jpg)
बिहार सरकार ने राज्य को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में 26 अहम एजेंडों को मंजूरी दी गई, जिसमें सबसे बड़ा फैसला औद्योगिक निवेश को लेकर रहा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP-2025) के तहत मुफ्त भूमि आवंटन की नीति को हरी झंडी मिली।
100 करोड़ से अधिक निवेश पर 10 एकड़ भूमि निशुल्क
इस नई नीति के अनुसार, जो औद्योगिक इकाइयां 100 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेंगी और कम से कम 1000 रोजगार के अवसर पैदा करेंगी, उन्हें 10 एकड़ तक भूमि निशुल्क दी जाएगी। वहीं, 1000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाले उद्योगों को 25 एकड़ तक मुफ्त ज़मीन उपलब्ध कराई जाएगी। फॉर्च्यून 500 कंपनियों को भी 10 एकड़ तक भूमि दी जाएगी। इसका मकसद बिहार में बड़े निवेशकों को आकर्षित करना और उद्योगों को गति देना है।
सरकार का लक्ष्य है कि इस पैकेज से अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार दिया जा सके। निवेशकों को ब्याज सब्सिडी, SGST की प्रतिपूर्ति, पूंजीगत सब्सिडी और निर्यात प्रोत्साहन जैसी कई सुविधाएं भी दी जाएंगी।
बैठक में उद्योग विभाग से जुड़ी कई परियोजनाओं को भी स्वीकृति दी गई। भोजपुर, शेखपुरा, रोहतास, शिवहर, दरभंगा और पूर्णिया में औद्योगिक सेज और आधारभूत ढांचे के लिए भूमि अधिग्रहण का निर्णय हुआ। इसके अलावा पटना के फतुहा में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क (MMLP) के पास FinTech City विकसित करने के लिए 242 एकड़ भूमि अधिग्रहण की मंजूरी मिली, जिस पर करीब 408 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
ऊर्जा क्षेत्र में भी बड़ा फैसला लिया गया। राज्य की 12 निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं में से 9 के लिए 166 करोड़ रुपये की संशोधित स्वीकृति मिली, जबकि 3 परियोजनाओं को बंद कर दिया गया। जल संसाधन, पथ निर्माण, स्वास्थ्य, समाज कल्याण और पर्यटन विभाग की कई योजनाओं को भी कैबिनेट की हरी झंडी मिली।