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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में 48 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। ये फैसले सीधे तौर पर आम जनता, शिक्षा, खेल और बुनियादी ढांचे से जुड़े हैं, जिनका असर आने वाले महीनों में बिहार की सियासत और सामाजिक ढांचे पर भी देखने को मिलेगा।
कचहरी प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी
बैठक का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों के मानदेय में बढ़ोतरी को लेकर रहा। अब तक जहां ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों को 6,000 रुपये मिलते थे, वहीं अब इसे बढ़ाकर 9,000 रुपये कर दिया गया है। यह व्यवस्था 1 जुलाई 2024 से लागू होगी। जानकारों का कहना है कि इस कदम से पंचायत स्तर पर न्याय व्यवस्था की गंभीरता बढ़ेगी और ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों को अधिक जिम्मेदारी के साथ काम करने की प्रेरणा मिलेगी।
शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा ऐलान
शिक्षा के क्षेत्र में भी बिहार सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग के तहत नव स्वीकृत 40 आवासीय विद्यालयों में 10+2 स्तर की पढ़ाई के लिए शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक पदों के सृजन को हरी झंडी मिली है। इसके तहत करीब 1,800 नए पद बनाए जाएंगे। सरकार का दावा है कि इससे न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा बल्कि राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी तैयार होंगे।
बैठक में खेल संरचना को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। पटना प्रमंडल और मुख्यालय स्तर पर खेल सुविधाओं के लिए 100 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिए करीब 574 करोड़ रुपये खर्च होंगे। माना जा रहा है कि इस फैसले से बिहार में खेलों का बुनियादी ढांचा मजबूत होगा और खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी।
इसी के साथ बिहार सरकार ने राजधानी पटना के लिए महत्वाकांक्षी जेपी गंगा पथ परियोजना पर भी बड़ा कदम उठाया है। इसके निर्माण कार्य के लिए 4,119 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। यह परियोजना पटना की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए लाइफलाइन साबित हो सकती है। इसके पूरा होने से राजधानी के लोगों को बेहतर सड़क संपर्क और सुगम यातायात की सुविधा मिलेगी।
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