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बिहार की राजनीति में जातीय जनगणना (Caste Census) और आरक्षण (Reservation) को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। राजद (RJD) के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने केंद्र सरकार और भाजपा (BJP) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जातीय आंकड़ों को जानबूझकर छिपा रही है ताकि पिछड़े वर्गों (OBC/EBC) को उनके अधिकारों से वंचित रखा जा सके।
"जातीय जनगणना सिर्फ दिखावा!" - मनोज झा का बड़ा बयान
मनोज झा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पहलगाम की घटना के बाद अचानक जातीय जनगणना की सहमति देना साबित करता है कि यह सामाजिक न्याय नहीं, बल्कि एक राजनीतिक चाल है। गृह मंत्री अमित शाह खुद कह चुके हैं कि जातीय आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे। फिर इस पूरी प्रक्रिया का क्या मतलब?
उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ जातियों की गिनती करना काफी नहीं है। जब तक OBC/EBC की उप-जातियों की स्थिति और उनके प्रतिनिधित्व के आंकड़े सामने नहीं आते, तब तक यह जनगणना एक ढोंग है!
"OBC को धोखा दे रही सरकार!" - राजद का आरोप
मनोज झा ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि अगर संसद में OBC पर बहस होनी है, तो सटीक आंकड़े कौन देगा? अगर निजी क्षेत्र में OBC की हिस्सेदारी छिपाई गई, तो पूरा देश आंदोलन करेगा।
उन्होंने नीतीश कुमार पर भी सवाल उठाया कि बिहार के मुख्यमंत्री ने जातीय जनगणना का समर्थन किया था, लेकिन अब वे चुप क्यों हैं? क्या वे भी OBC आंकड़ों को दबाने में भाजपा का साथ दे रहे हैं?