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पटना, वाईबीएन न्यूज। पटना से बिहार की सियासत में हलचल तेज है। विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एनडीए के भीतर सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा। दिल्ली से पटना लौटे जेडीयू और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने घंटों चली बैठक के बावजूद सीट बंटवारे का फार्मूला फाइनल नहीं कर पाए। इस बीच, नाराजगी की आवाजें एनडीए के भीतर से ही उठने लगी हैं, और सबसे बड़ा सियासी हमला किया है केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने।
सोशल मीडिया पर बरसे गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए जेडीयू पर अप्रत्यक्ष निशाना साधा। उन्होंने लिखा है कि “ये होता है असली स्ट्राइक रेट... 2010 के बिहार चुनाव में एनडीए ने 243 में से 206 सीटें जीतीं। जेडीयू ने 141 में से 115 सीटें और बीजेपी ने 102 में से 91 सीटें जीतीं। स्ट्राइक रेट 89% था, इतनी जीत फिर कभी नहीं दोहराई गई। तब भी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान थे और आज भी वही प्रभारी हैं।”
गिरिराज सिंह का यह बयान भले ही सीधे तौर पर किसी पार्टी का नाम नहीं लेता, लेकिन बिहार के राजनीतिक गलियारों में इसे नीतीश कुमार और जेडीयू के खिलाफ सटीक हमला भी माना जा रहा है। गिरिराज का संकेत साफ है कि जेडीयू अगर 2024 के लोकसभा चुनाव का हवाला देकर ज्यादा सीटें मांग रही है, तो बीजेपी के पास भी 2010 का ऐतिहासिक रिकॉर्ड है, जिसे वह अपना राजनीतिक तर्क बना सकती है।
यह विवाद महज सीटों की संख्या का नहीं, बल्कि एनडीए के भीतर नेतृत्व और वर्चस्व की लड़ाई का भी संकेत है। जेडीयू 2024 के लोकसभा नतीजों को आधार बना रही है, जिसमें उसने 16 सीटों में से 12 पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी को 17 में से 12 सीटें मिली थीं। यानी जेडीयू का स्ट्राइक रेट बेहतर रहा। अब उसी तर्क को जेडीयू विधानसभा चुनाव में भी दोहराना चाहती है।
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