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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और एनडीए के भीतर भी रणनीतिक तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी बीच राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पटना के मिलर स्कूल मैदान में हुई रैली में सहयोगी दलों को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में ‘सेल्फ गोल’ की वजह से एनडीए को करारी हार झेलनी पड़ी थी और अगर विधानसभा चुनाव में भी ऐसी ही गलती हुई तो नुकसान भारी पड़ सकता है।
काराकाट की हार और ‘सेल्फ गोल’ का सबक
लोकसभा चुनाव में कुशवाहा ने काराकाट से एनडीए उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरकर अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें तीसरे स्थान पर खिसकना पड़ा। इस सीट पर महागठबंधन के सीपीआई-माले प्रत्याशी राजाराम कुशवाहा विजयी रहे। हार का बड़ा कारण पवन सिंह का निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ना था। भोजपुरी स्टार पवन सिंह के मैदान में उतरने से राजपूत वोटों का बड़ा हिस्सा बंट गया, जिससे महागठबंधन को फायदा और एनडीए को नुकसान हो गया।
पड़ोसी सीटों पर भी पड़ा असर
कुशवाहा ने अपनी रैली में साफ कहा कि काराकाट की हार ने सिर्फ एक सीट नहीं छीनी, बल्कि इसका असर आरा, सासाराम और बक्सर जैसी सीटों पर भी दिखाई दिया। विश्लेषकों का मानना है कि राजपूत वोट पवन सिंह के साथ चले गए और कोइरी वोटर महागठबंधन में शिफ्ट हो गए। इस जातिगत गणित ने एनडीए की रणनीति को कमजोर कर दिया और हार का सिलसिला बढ़ा।
एनडीए को एकजुट रहने की सलाह
कुशवाहा ने अपने सहयोगियों को चेताते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2025 में सभी घटक दलों को आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट रहना होगा। उन्होंने साफ किया कि जनता के बीच गलत संदेश जाने से विपक्ष को फायदा हो सकता है। इसलिए इस बार कोई ‘सेल्फ गोल’ नहीं होना चाहिए।
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