बिहार की राजनीति में एक बार फिर उठापटक का दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार सुबह अचानक जदयू (JDU) कार्यालय का दौरा किया, जो राज्य के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। यह घटना तब और भी रहस्यमयी हो गई जब पता चला कि बीते दिन दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एनडीए (NDA) की बैठक को बीच में ही छोड़कर वे वापस पटना लौट आए थे।
क्या हुआ दिल्ली की बैठक में?
24 मई को PM मोदी ने एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक बुलाई थी। बिहार से CM नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा बैठक में शामिल हुए। लेकिन बैठक के बीच में ही नीतीश कुमार ने अचानक मीटिंग छोड़ दी और अपने सरकारी आवास (6 कामराज लेन) लौट गए। हैरानी की बात यह थी कि बाकी सभी CMs बैठक में बने रहे, जबकि नीतीश अकेले ही बाहर निकल आए।
क्या है इसके पीछे की वजह?
चर्चा चलने लगी कि नीतीश कुमार और एनडीए के बीच कुछ मतभेद चल रहे हैं। कुछ का कहना है कि 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर असहमति हो सकती है। इसके अलावा भाजपा और जदयू के बीच सीट शेयरिंग को लेकर तनाव चल रहा हो सकता है।
JDU दफ्तर का अचानक दौरा: क्या संकेत है?
सोमवार सुबह, नीतीश कुमार अचानक JDU कार्यालय पहुंचे और करीब 10 मिनट तक पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की। इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा उनके साथ थे। कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी करते हुए उनका स्वागत किया। नीतीश ने 2025 चुनाव को लेकर एकजुटता का संदेश दिया।