नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । बिहार में साल 2023 के कांस्टेबल भर्ती में हुए कथित घोटाले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज गुरूवार 19 जून 2025 को इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू करते हुए बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी की है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस घोटाले के तार 2024 के नीट-यूजी प्रश्नपत्र लीक मामले से भी जुड़ते दिख रहे हैं, जिससे पूरे मामले की गंभीरता और भी बढ़ गई है। यह कार्रवाई बिहार के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले गिरोहों पर एक बड़ा प्रहार मानी जा रही है।
एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर ईडी की कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत पटना और नालंदा (बिहार), रांची (झारखंड), लखनऊ (उत्तर प्रदेश) और कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में कम से कम एक दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार, ईडी उन मास्टरमाइंड्स और बिचौलियों पर शिकंजा कस रही है, जिन्होंने अवैध रूप से धन अर्जित किया और इस घोटाले को अंजाम दिया।
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि इस कथित घोटाले को अंजाम देने वाले वही लोग बताए जा रहे हैं जो हाल ही में देशभर में सुर्खियां बटोरने वाले नीट-यूजी प्रश्नपत्र लीक घोटाले के भी आरोपी हैं। यह दर्शाता है कि एक ही गिरोह विभिन्न राज्यों में और अलग-अलग परीक्षाओं में अपनी जड़ें जमा चुका है, जिससे देश के शिक्षा और भर्ती तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बिहार कांस्टेबल भर्ती घोटाले ने युवाओं के सपनों को तार-तार कर दिया है। हजारों मेहनती और योग्य उम्मीदवारों को इस घोटाले के कारण निराशा का सामना करना पड़ा। ईडी की यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण है जो न्याय की आस लगाए बैठे हैं। जांच एजेंसियां अब इस पूरे नेक्सस को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं, जिसमें न केवल भर्ती परीक्षाओं में धांधली की गई बल्कि बड़े पैमाने पर काले धन को भी सफेद किया गया।
जांच में वित्तीय लेनदेन और संपत्तियों पर फोकस
ईडी की जांच में वित्तीय लेनदेन और संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जांचकर्ताओं का मानना है कि इन घोटालों से अर्जित धन का इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने और अन्य अवैध गतिविधियों में किया गया। छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल सबूत और अन्य सामग्री जब्त की गई हैं, जो आगे की जांच में सहायक साबित होंगी।
इस मामले में अभी तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और यह उम्मीद की जा रही है कि ईडी की इस कार्रवाई से कुछ और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। बिहार सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के बीच समन्वय से इस पूरे सिंडिकेट का पर्दाफाश हो सकता है। यह मामला न केवल बिहार कांस्टेबल भर्ती घोटाले की परतें खोलेगा, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में चल रहे भर्ती घोटालों और प्रश्नपत्र लीक माफियाओं पर भी लगाम कसने में मदद करेगा।
आम जनता और विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों में इस खबर को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि हमारे देश की भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो, ताकि हर योग्य उम्मीदवार को उसका हक मिल सके और शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जा सके।
क्या आप सहमत हैं कि ऐसे घोटालों में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए? कमेंट करके बताएं।
Bihar police recruitment leak |