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बिहार पुलिस के कड़े अभियान ने राज्य में अपराधियों की सांसें अटका दी हैं। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और विभिन्न एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई ने अपराधियों को इतना दबाव में ला दिया है कि अधिकांश गैंगस्टर अब बिहार छोड़कर दूसरे राज्यों में शरण ले रहे हैं। अपर पुलिस महानिदेशक (अभियान) कुंदन कृष्णन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस साल जनवरी से अब तक बिहार से फरार 64 कुख्यात अपराधियों को 17 राज्यों से गिरफ्तार किया गया है।
सबसे अधिक दिल्ली से 14 अपराधी पकड़े गए
दिल्ली से सबसे अधिक 14 अपराधियों को पकड़ा गया, जबकि पश्चिम बंगाल से 9, उत्तरप्रदेश और गुजरात से 7-7, झारखंड से 6, हरियाणा से 5, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से 4-4, हिमाचल प्रदेश और पंजाब से 2-2 तथा राजस्थान, गोवा, उड़ीसा, उत्तराखंड, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और मणिपुर से 1-1 अपराधी को गिरफ्तार किया गया है। अगस्त माह में ही बिहार पुलिस ने गुजरात से 6, पंजाब से 2 और महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल से 1-1 अपराधी को दबोचा।
एडीजी कुंदन कृष्णन ने बताया कि नक्सली हिंसा में कमी आने के बाद अब बिहार पुलिस ने संगठित अपराधियों पर फोकस बढ़ाया है। पिछले साल जहां पुलिस से 8 मुठभेड़ हुई थीं, वहीं इस साल अब तक 23 मुठभेड़ हो चुकी हैं। 2024 में जहां 752 अपराधी गिरफ्तार हुए थे, वहीं 2025 में अब तक 857 अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया जा चुका है।
नक्सल प्रभावित इलाकों में भी पुलिस लगातार दबाव बना रही है। बीते वर्ष 44 और इस साल अब तक 101 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं। हथियार बरामदगी के मामलों में भी बड़ी सफलता मिली है। 2024 में जहां 3681 कारतूस मिले थे, वहीं इस साल अब तक 12 हजार से अधिक कारतूस और 32 रेगुलर हथियार बरामद किए गए हैं।
एक सवाल के जवाब में एडीजी ने कहा कि "ऑपरेशन लंगड़ा" नाम से कोई आधिकारिक आदेश नहीं है, लेकिन अपराधियों की ओर से फायरिंग होने पर पुलिस भी जवाबी कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में कई बड़े गैंगस्टर पकड़े गए हैं।
एडीजी ने यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि अपराधियों की अवैध संपत्ति को भी जब्त किया जा रहा है। विधायक रीतलाल यादव के भाई की संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव आर्थिक अपराध इकाई को भेजा गया है और इसे आगे प्रवर्तन निदेशालय (ED) तक भेजा जा सकता है।
गोलियों और हथियारों की सप्लाई चेन को ध्वस्त करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) भी सक्रिय हो गई है। हाल ही में हाजीपुर समेत 7 ठिकानों पर छापेमारी कर अवैध हथियार कारोबार की जांच की जा रही है। इससे अपराधियों की फंडिंग और नेटवर्क पर सीधी चोट करने में मदद मिलेगी।