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बिहार की राजनीति में इस समय हर दिन एक नया चेहरा सुर्खियों में आ रहा है। अब इस सियासी हलचल के केंद्र में हैं भोजपुरी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री अक्षरा सिंह। उनकी केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह से हुई मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू कर दिया है।
अक्षरा सिंह ने अपने एक्स (X) अकाउंट पर गिरिराज सिंह के साथ मुलाकात की तस्वीर साझा की और लिखा कि यह “शिष्टाचार मुलाकात” थी। लेकिन यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी-अभी हुआ है और राजनीतिक समीकरण लगातार बदल रहे हैं। इस वजह से इस मुलाकात को महज शिष्टाचार तक सीमित मानना आसान नहीं है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह मुलाकात सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट भर नहीं है। भोजपुरी सिनेमा का प्रभाव बिहार की राजनीति में लंबे समय से देखा गया है। हाल ही में भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने बीजेपी में वापसी की है और माना जा रहा है कि वह इस बार चुनावी मैदान में उतरेंगे। ऐसे में अक्षरा सिंह की गिरिराज सिंह से मुलाकात को राजनीतिक संकेतों के तौर पर देखा जा रहा है।
सोशल मीडिया पर अक्षरा सिंह के फैंस और राजनीतिक विश्लेषक खुलकर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ यूजर्स ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर पवन सिंह बीजेपी से लड़ेंगे तो अक्षरा सिंह उनके खिलाफ मैदान में उतरें। हालांकि अक्षरा ने अब तक इस तरह की किसी राजनीतिक मंशा की पुष्टि नहीं की है।
अक्षरा सिंह का राजनीतिक संबंध पहले भी सुर्खियों में रह चुका है। साल 2023 में वह अपने पिता के साथ प्रशांत किशोर के जन सुराज कार्यक्रम में नजर आई थीं। उस समय कयास लगाए गए थे कि वह जन सुराज से जुड़ सकती हैं, लेकिन बाद में वह किसी दल में शामिल नहीं हुईं। अब एक बार फिर चुनावी मौसम में गिरिराज सिंह से उनकी मुलाकात ने चर्चाओं को हवा दे दी है।
अक्षरा सिंह का करियर भोजपुरी सिनेमा में लंबे समय से सफल रहा है। उन्होंने अपनी मेहनत और लोकप्रियता से एक अलग पहचान बनाई है। उनके फैंस का कहना है कि अगर वह राजनीति में आती हैं तो वह एक प्रभावशाली चेहरा बन सकती हैं, खासकर महिलाओं और युवाओं के बीच। राजनीतिक पंडितों की मानें तो बीजेपी अब ऐसे चेहरों को तरजीह दे रही है जिनका जनता में सीधा जुड़ाव है। पार्टी ने पहले भी मनोरंजन जगत से जुड़े कई नामों को टिकट दिया है, जैसे रवि किशन, दिनेश लाल यादव निरहुआ और मनोज तिवारी।
हालांकि, यह भी संभव है कि अक्षरा सिंह ने वास्तव में सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात की हो। वह हाल ही में कई सामाजिक अभियानों से जुड़ी रही हैं, जिनमें महिला सशक्तिकरण और शिक्षा से जुड़े कार्यक्रम शामिल हैं। ऐसे में यह मुलाकात निजी चर्चा या सामाजिक मुद्दों पर भी केंद्रित हो सकती है।
फिलहाल, बिहार की सियासत में यह मुलाकात चर्चा का मुख्य विषय बनी हुई है। पवन सिंह के राजनीतिक कदम के बाद अक्षरा सिंह का नाम भी जुड़ने से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री और बिहार की राजनीति का मेल फिर सुर्खियों में है।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, आने वाले कुछ हफ्तों में बीजेपी और अन्य दलों की उम्मीदवार सूची तैयार होगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अक्षरा सिंह भी किसी पार्टी की तरफ से चुनावी मैदान में उतरती हैं या फिलहाल चर्चा तक ही सीमित रहती हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। यानी अब से कुछ ही हफ्तों में यह साफ हो जाएगा कि क्या अक्षरा सिंह वाकई राजनीति में एंट्री करने जा रही हैं या फिर यह सिर्फ बिहार की सियासी कहानी का एक नया अध्याय है।