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बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे चुनाव आयोग पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए नए कदम उठा रहा है। इस बार उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की निगरानी को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है। आयोग ने निर्देश दिया है कि हर प्रत्याशी को अपना चुनाव खर्च बैंक खाते के जरिए करना होगा। इसके लिए नामांकन दाखिल करने से कम से कम एक दिन पहले उम्मीदवारों का बैंक खाता खोला जाएगा और उसी समय उन्हें तत्काल चेकबुक भी जारी की जाएगी।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिला स्तर पर सभी बैंक उम्मीदवारों का खाता खोलने की तैयारी प्राथमिकता के आधार पर करेंगे। इससे नकदी लेन-देन पर नजर रखी जा सकेगी और चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सकेगा।
इतना ही नहीं, बैंकों की नकदी ढोने वाली गाड़ियों के लिए भी कड़े नियम लागू किए गए हैं। आयोग ने निर्देश दिया है कि बैंक या उसकी आउटसोर्स एजेंसियां इन वाहनों में किसी तीसरे व्यक्ति या संस्था की नकदी नहीं रख सकेंगी। यदि ऐसा पाया गया तो पूरी राशि जब्त कर ली जाएगी। इन कैश वैन के साथ बैंक से संबंधित दस्तावेज भी होना अनिवार्य होगा, जिसमें यह दर्ज रहेगा कि पैसा कहां से कहां ले जाया जा रहा है।
चुनाव आयोग ने यह दिशा-निर्देश केंद्रीय वित्त मंत्रालय की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत जारी किए हैं। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच ने सभी 38 जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर इस पर सख्ती से अमल करने का निर्देश दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम काले धन के इस्तेमाल को रोकने और चुनाव को निष्पक्ष बनाने की दिशा में अहम साबित होगा।
बिहार की राजनीति में जहां उम्मीदवारों पर अक्सर भारी भरकम खर्च के आरोप लगते हैं, वहीं इस बार की निगरानी से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि आम जनता का भरोसा भी चुनाव प्रक्रिया पर मजबूत हो सकेगा।
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