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बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर रविवार को चुनाव आयोग की अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने इस मौके पर बिहार की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में SIR पूरी तरह सफल रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार अब पूरे देश के लिए प्रेरणा बन चुका है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने भोजपुरी में मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सब मतदाता के अभिनंदन करतनी।
CEC ज्ञानेश कुमार ने बूथ स्तर पर मेहनत करने वाले कर्मचारियों की प्रशंसा की और बताया कि राज्य में 90,217 बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने बेहतरीन काम किया है। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों ने चुनावी व्यवस्था को पारदर्शी और प्रभावी बनाने में अहम भूमिका निभाई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी BLO को सम्मानित भी किया गया।
ज्ञानेश कुमार ने इससे पहले राजनीतिक दलों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की थी। बैठक में उन्होंने चुनाव फेज को लेकर राजनीतिक दलों से राय ली और सुरक्षा, EVM और VVPAT की स्थिति की समीक्षा की। साथ ही अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि मतदाता सूची से लेकर मतदान केंद्रों तक पारदर्शिता और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखी जाए।
इस दौरान एक दिलचस्प बात यह रही कि चुनाव के चरणों को लेकर बिहार के प्रमुख दलों में मतभेद साफ नजर आया। पटना के होटल ताज में हुई तीन घंटे की बैठक में बीजेपी ने दो चरणों में चुनाव कराने की मांग रखी। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि ज्यादा फेज होने से मतदाताओं को परेशानी होती है और उम्मीदवारों का खर्च भी बढ़ता है। हमने चुनाव की घोषणा के 28 दिन बाद मतदान कराने का सुझाव दिया है।
वहीं, जदयू का रुख बिल्कुल अलग रहा। पार्टी ने साफ कहा कि बिहार में अब लॉ एंड ऑर्डर और नक्सल की समस्या नहीं है, इसलिए पूरे राज्य में एक ही चरण में चुनाव संभव है। राजद और लोजपा (रामविलास) ने भी दो फेज में मतदान कराने का समर्थन किया।
बैठक के दौरान राजद ने कई अहम सुझाव रखे। पार्टी ने कहा कि पोस्टल बैलेट की गिनती के समय वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जानी चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। राजद ने यह भी मुद्दा उठाया कि एक ही परिवार के कई सदस्यों के नाम अलग-अलग बूथों पर दर्ज हैं, जिससे मतदान के दिन भ्रम की स्थिति बनती है। इसलिए आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक ही परिवार के सभी सदस्य एक ही बूथ पर वोट डाल सकें।
राजद ने महिलाओं को लेकर भी एक टिप्पणी की कि चुनाव से ठीक पहले महिलाओं के खातों में पैसे डालना वोटरों को लुभाने का प्रयास है, जिसे रोका जाना चाहिए। वहीं बीजेपी के सुझाव में यह भी शामिल था कि बुर्का पहनकर वोट देने आने वाली महिलाओं की पहचान महिला अधिकारी द्वारा सत्यापित की जाए।
CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि आयोग सभी सुझावों पर विचार करेगा और चुनाव की घोषणा से पहले सुरक्षा, मतदाता सुविधा और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। बिहार में इस बार का चुनाव केवल सत्ता परिवर्तन नहीं बल्कि प्रशासनिक ईमानदारी की परख भी होगा।
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