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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के तहत चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य में 12,817 नए मतदान केंद्र बनाए जाएंगे, जिसके बाद बिहार में कुल पोलिंग बूथ की संख्या 90,712 हो जाएगी। यह जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) बिहार ने दी है।
क्यों बढ़ाई गई मतदान केंद्रों की संख्या?
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की संख्या अधिकतम 1,200 होनी चाहिए। इस नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए राज्यभर में मतदान केंद्रों का पुनर्गठन किया गया है। इस प्रक्रिया में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर उनके सुझाव लिए थे। इन सुझावों के आधार पर ही नए मतदान केंद्रों का प्रस्ताव तैयार किया गया, जिसे भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 18 जुलाई को मंजूरी दे दी।
कितने मतदान केंद्रों में हुआ बदलाव?
नए निर्देशों के तहत 12,479 मतदान केंद्र उसी भवन या परिसर में स्थापित किए गए हैं, जहां पहले से मतदान होता था। केवल 338 मतदान केंद्रों को नजदीकी स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। इससे पहले बिहार में कुल 77,895 मतदान केंद्र थे, लेकिन नए बूथ बनने के बाद अब यह संख्या 90,712 तक पहुंच गई है।
राजनीतिक दलों को दी गई जानकारी
चुनाव आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे नए मतदान केंद्रों की सूची सभी राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराएं और इसका व्यापक प्रचार करें, ताकि मतदाताओं को अपने नए पोलिंग बूथ की जानकारी समय पर मिल सके।
बिहार में मतदान प्रतिशत बढ़ाने और मतदाताओं की सुविधा के लिए यह कदम उठाया गया है। अधिक पोलिंग बूथ बनने से मतदान के दिन लंबी कतारों और भीड़भाड़ की समस्या कम होगी, जिससे मतदाता आसानी से वोट डाल सकेंगे।