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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों ने अब जोर पकड़ लिया है। राजनीतिक गलियारों में सबसे बड़ा सवाल यह है कि महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा। लंबे समय से जारी अटकलों के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि मुख्यमंत्री का फैसला जनता करती है और महागठबंधन में इसे लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं है।
तेजस्वी यादव ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “हमारे गठबंधन में कोई कंफ्यूजन नहीं है। जनता बदलाव चाहती है और बिहार की मालिक जनता है। वही मुख्यमंत्री बनाती है। सही समय आने पर सब कुछ साफ हो जाएगा।” तेजस्वी ने दावा किया कि मौजूदा सरकार से लोग बेहद नाराज हैं और जनता बदलाव का मूड बना चुकी है।
बिहार अधिकार यात्रा से चुनावी जमीन साधने की कोशिश
तेजस्वी यादव मंगलवार से ‘बिहार अधिकार यात्रा’ पर निकले हैं, जिसे उनकी चुनावी रणनीति की बड़ी शुरुआत माना जा रहा है। इस यात्रा का आगाज जहानाबाद से हुआ है और यह कुल 11 जिलों और कई विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। इनमें मोकामा, तेघड़ा, बेगूसराय, साहेबपुर कमाल, खगड़िया, परबत्ता, बेलदौर, सोनबरसा, मधेपुरा, सहरसा और हाजीपुर जैसे इलाके शामिल हैं।
यह यात्रा महागठबंधन के लिए दोहरे मकसद को साधेगी। पहला, मतदाताओं को अधिकारों और चुनावी प्रक्रिया के प्रति जागरूक करना। दूसरा, चुनावी जमीन पर राजद और खासकर तेजस्वी यादव की पकड़ को और मजबूत करना।
महागठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पर सवाल
जहां राजद कार्यकर्ता और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी पहले ही तेजस्वी को मुख्यमंत्री चेहरा मान चुके हैं, वहीं कांग्रेस अब तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। सहनी ने तो यहां तक कह दिया था कि तेजस्वी मुख्यमंत्री बनेंगे और वे खुद उपमुख्यमंत्री की भूमिका निभाएंगे। लेकिन कांग्रेस ने अभी तक तेजस्वी के नाम पर आधिकारिक मुहर नहीं लगाई है।
यही वजह है कि तेजस्वी की यह यात्रा महागठबंधन के भीतर उनकी स्थिति को मजबूत करने का भी प्रयास माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर कांग्रेस लंबे समय तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करती तो इससे महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ सकते हैं।
2025 चुनाव में कौन होगा सीएम चेहरा?
तेजस्वी यादव ने अपने बयान से साफ संकेत दिया है कि मुख्यमंत्री पद का फैसला जनता करेगी। हालांकि, यह भी सच है कि महागठबंधन को एक मजबूत और सर्वसम्मत चेहरा सामने लाना होगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस कब तक अपनी चुप्पी तोड़ती है और क्या तेजस्वी महागठबंधन के निर्विवाद नेता के तौर पर सामने आते हैं।
Tejashwi Yadav | Bihar Adhikar Yatra