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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति एक बार फिर नए समीकरणों की ओर बढ़ती दिख रही है। इस बार चर्चा है एक तीसरे मोर्चे की, जो एनडीए और महागठबंधन दोनों से अलग अपनी राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM), राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP), आज़ाद समाज पार्टी (ASP) और तेजप्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल मिलकर एक नए राजनीतिक गठबंधन की नींव रखने की तैयारी में हैं।
राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल इमान और RLJP प्रमुख पशुपति कुमार पारस के बीच हाल ही में फोन पर लंबी बातचीत हुई, जिसमें गठबंधन की रूपरेखा और साझा रणनीति पर चर्चा हुई। बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने अपने-अपने कोर ग्रुप से विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस गठबंधन में दलित, पिछड़ा, मुस्लिम और युवा वोट बैंक को एक साथ जोड़ने की कोशिश होगी।
इस संभावित गठबंधन में आज़ाद समाज पार्टी के साथ तेजप्रताप यादव की पार्टी को जोड़ने की दिशा में भी प्रयास जारी हैं। सूत्रों के अनुसार, तेजप्रताप यादव से शुरुआती बातचीत सकारात्मक रही है और वे भी इस मोर्चे के लिए खुले नजर आ रहे हैं। अगर यह गठबंधन मूर्त रूप लेता है, तो बिहार की सियासत में यह एक तीसरी ताकत के रूप में उभर सकता है, जो पारंपरिक एनडीए और महागठबंधन के समीकरणों को चुनौती देगा।
हालांकि अभी किसी भी दल ने औपचारिक तौर पर गठबंधन की घोषणा नहीं की है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसकी गूंज तेज हो चुकी है। AIMIM और RLJP के बीच बढ़ती नजदीकियां इस बात की ओर इशारा कर रही हैं कि पर्दे के पीछे बातचीत गंभीर स्तर पर चल रही है।
तेजप्रताप यादव, जो अब तक अपने अलग तेवरों और बयानों से सुर्खियों में रहे हैं, इस बार राजनीतिक रूप से नई दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। उनकी मौजूदगी इस मोर्चे को यादव वोट बैंक में भी कुछ हद तक पकड़ दे सकती है, जिससे महागठबंधन को नुकसान हो सकता है।
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